Advertisement

धान खरीद में चमत्‍कार: मोटर साइकिल से 176 कुंतल धान की ढुलाई

धान की सरकारी खरीद और मिलिंग में भारत के नियत्रंक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कई अनियमितताएं पाई हैं। कैग की ओर संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए जिसका एक उदाहरण यहां पेश है।
धान खरीद में चमत्‍कार: मोटर साइकिल से 176 कुंतल धान की ढुलाई

क्‍या आप यकीन कर सकते हैं कि दुनिया में ऐसी मोटर साइकिल बन चुकी है जिससे एक दिन में 176 कुंतल सामान की ढुलाई की जा सकती है। लेकिन धान की सरकारी खरीद के दौरान यह चमत्‍कार हुआ है। मोटर साइकिल ही नहीं कैग के ऑडिट में ऐसे अॉटो रिक्‍शा और जीप की जानकारी भी मिली है जिनसे सैकड़ों कुंतल धान की ढुलाई हो सकती है। 

दरअसल, एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां किसानों से धान खरीद कर मिलिंग के लिए धान मिलों को देती हैं। इस धान की ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्टस के साथ अनुबंध होता है जिसके तहत ट्रांसपोर्टरों को ट्रक का रजिस्‍ट्रेशन नंबर बताना जरूरी होता है। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह देखा गया है कि उत्‍तर प्रदेश, बिहार और छत्‍तीसगढ़ में धान या कस्‍टम मिल्‍ड चावल की बड़ी मात्रा, 14 कुंतल से लेकर 1800 कुंतल तक, की ढुलाई मोटर साइकिल, ऑटो रिक्‍शा, जीप टैक्‍सी, कार और जुगाड़ से दिखाई गई है। कैग के ऑडिट के अनुसार, इस तरह के संदिग्ध तरीकों से कुल 5744 टन धान की ढुलाई का पता चला है जिसकी कीमत 6.68 करोड़ रुपये आंकी गई है। 

पंजाब में 97 फीसदी रजिस्‍ट्रेशन नंबर मैच नहीं  

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक ऑडिट के दौरान पंजाब में वाहनों के 3319 रजिस्‍ट्रेशन नंबरों की पड़ताल की गई। चौंकाने वाली बात है कि इनमें से 3231 यानी 97 फीसदी से ज्‍यादा नंबर ट्रांसपोर्ट विभाग के कंप्‍यूटरीकृत डेटा से मैच नहीं हुए। जिन 88 वाहनों का पता चल सका उनमें भी 15 वाहन ट्रकों के बजाय कार, बाईक, बस या जीप आदि निकले। यूपी के शाहजहांपुर में मोटर साइकिल से 176 कुंतल धान की ढुलाई का मामला सामने आया है तो छत्‍तीसगढ़ में भी ऐसी मोटर साइकिल है जो 167 कुंतल धान की ढुलाई कर सकती है। 

अपनी रिपोर्ट में कैग ने लिखा है, यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया कि कैसे मोटर साइकिल, कार जैसे वाहनों का इस्‍तेमाल कई टन धान और चावल की ढुलाई के लिए किया गया। कैग ने ट्रांसपोर्टरों द्वारा झूठे दावे पेश किए जाने और सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका के मद्देनजर ऐसे मामलों की जांच कराने की आवश्‍यकता बताई है।     

 

 

 

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad