भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में होने वाली एमपीसी की यह दूसरी बैठक होगी। ऐसी पहली बैठक अक्तूबर में हो चुकी है। उस समय केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया था। केंद्रीय बैंक जनवरी 2015 से रेपो दर में 1.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है। देश में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद यह पहली मौद्रिक नीति की समीक्षा है। नोटबंदी से बैंकों की जमा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, अभी कुछ भी अटकल लगाना मुश्किल है क्योंकि मौद्रिक नीति समिति को इस बारे में निर्णय करना है। नीतिगत दर में 0.25 से 0.50 प्रतिशत कटौती संभव है जिसकी सभी उम्मीद कर रहे हैं। दर में यदि कोई कटौती नहीं होती है तो अचंभा होगा।
केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक तथा सीईओ राकेश शर्मा ने कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए हम आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक चंद्र शेखर घोष ने कहा कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की उम्मीद है क्योंकि अक्तूबर की मुद्रास्फीति में कमी आई है और नोटबंदी से नवंबर में मुद्रास्फीति और कम होगी। अक्तूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 4.20 प्रतिशत जबकि थोक मुद्रास्फीति 3.39 प्रतिशत रही। इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए आईडीबीआई बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी आर के बंसल ने कहा कि केंद्रीय बैंक रेपो दर को घटाकर 6.0 प्रतिशत कर सकता है।