एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने अप्रैल से जून तिमाही के लिए 1300.42 करोड़ रुपये की केरोसिन सब्सिडी को मंजूरी दी है। इसमें से इंडियन आॅयल कार्पोरेशन (आईओसी) को 878.84 करोड़ रुपये, भारत पेट्रोलियम को 203.33 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन (एचपीसीएल) को 218.25 करोड़ रुपये मिलेंगे। सब्सिडी भुगतान सरकार द्वारा तय नए फॉर्मूले पर तय किया गया है जिसके तहत केरोसिन पर केन्द्र सरकार की तरफ से सब्सिडी 12 रपए प्रति लीटर पर सीमित रखी गई है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केरोसिन 14.96 रपए प्रति लीटर पर बेचा जाता है जबकि इसकी वास्तविक लागत 33.47 रुपये है। लागत और बिक्री मूल्य के बीच का फर्क 18.51 रुपये प्रति लीटर है जिसे लागत से कम की वसूली या राजस्व नुकसान कहा जाता है।
उन्होंने कहा वित्त मंत्रालय बजट से सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन कंपनियों को नकदी में 12 रुपये प्रति लीटर का भुगतान करेगा जबकि शेष उत्पादन लागत तथा बिक्री मूल्य के बीच के शेष अंतर की भरपाई ओएनजीसी जैसी उत्खनन कंपनियां करेंगी। मौजूदा मूल्य पर उत्खनन कंपनियों को पूरे साल के लिए 5,000-6,000 करोड़ रुपये का भार वहन करना पड़ेगा। घरेलू रसोई गैस के लिए सरकार ने पूरे साल के लिए लागत से कम वसूली की पूरी राशि का वहन करने का फैसला किया है और इसकी घोषणा बाद में की जाएगी।