प्रदेश के मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने हालांकि, डीजल को इससे अलग रखा है। डीजल के लिए इस तरह की कोई कर दर तय नहीं की गई है। डीजल पर पहले की तरह ही तय दर पर मूल्य वर्धित कर (वैट) लगता रहेगा।
शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो पेट्रोल पंप डीलर आज से डीजल के दाम भी बढ़ाकर बेच रहे हैं, उनके खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि सरकार की इस घोषणा से पहले ही पंप डीलर्स ने पेट्रोल के दाम 5.10 रुपये लीटर बढाकर 67.30 रुपये प्रति लीटर की दर से तथा डीजल 49.39 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचना शुरू कर दिया था।
शर्मा ने बताया कि अभी तक सरकार पेट्रोल पर 25 प्रतिशत की दर से वैट लगा रही थी जिससे सरकार को प्रति लीटर 12.50 रुपये प्राप्त हो रहे थे। कच्चे तेल के दाम घटने से पेट्रोल के दाम भी कम होने से राज्य सरकार के राजस्व में 40 से 50 करोड़ रुपये की कमी आ गई थी।
उन्होंने कहा कि केंद्र से मिलने वाली धनराशि में हुई भारी कटौती के चलते राज्य सरकार को आय के अपने संसाधन बढाने के लिए पेट्रोल पर बेस टैक्स बढाना एक अच्छा विकल्प दिखाई दिया।
हाल में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस बात के संकेत दिए थे कि धन की कमी से जूझ रहे प्रदेश में आय के साधन बढाने होंगे और पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स में बढोतरी को इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है।