वित्त मंत्रालय ने अपने एक बयान में बताया है कि आवेदनकर्ता कंपनियां कंपनी मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर एक साझा आवेदन फॉर्म SPICe (INC 32) को भर सकती हैं। पूरा डाटा भर दिए जाने के बाद मंत्रालय की ओर से इसे सीबीडीटी के पास भेज दिया जाएगा। इसके बाद आवेदक के बिना किसी हस्तक्षेप के पैन और टैन जारी कर दिए जाएंगे।
नई गठित कंपनियों को पैन के साथ कॉरपोरेट पहचान संख्या (सीआईएन) भी लेना पड़ता है। मंत्रालय का कहना है कि उसी दौरान टैन नंबर भी जारी किया जाएगा और इस बारे में कंपनी को सूचित कर दिया जाएगा। मंत्रालय ने बताया कि 31 मार्च तक 19,704 नवगठित कंपनियों को पैन नंबर जारी किए जा चुके हैं।
10,894 नई गठित कंपनियों को मार्च 2017 के दौरान चार घंटे में पैन जारी किया गया (95.63 फीसद मामलों में) और सभी मामलों में एक दिन के भीतर इसे जारी किया गया था। इसी तरह 94.7 फीसद मामलों में चार घंटे के भीतर और 99.73 फीसद मामलों में एक दिन के भीतर टैन नंबर जारी किया गया था। यह नई प्रणाली पूरी पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाएगी, जो कि विभिन्न पंजीकरण की संख्या को कम करेगी और पंजीकरण संख्या (सिन, पैन, टैन) को जारी करने में लगने वाले समय को भी कम करेगी।
इसके अलावा सीबीडीटी ने इलेक्ट्रोनिक पैन कार्ड (ई-पैन) सुविधा भी शुरू की है। इसे ईमेल के माध्यम से भेजा जाएगा और जारी करने के समय पैन कार्ड के अतिरिक्त इसे जारी किया जाएगा। ई-पैन एक डिजिटली हस्ताक्षरित कार्ड होगा। इसे एक प्रमाण के तौर पर किसी अन्य एजेंसी को सीधे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम की मदद से भेजा जा सकेगा या फिर डिजिटल लॉकर में संभाल कर रखा जा सकेगा।