कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन मामलों के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पेंशन पोर्टल तैयार हो चुका है और जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। वह नागरिक केंद्रित सुशासन पर दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन कर रहे थे। देश में फिलहाल 56 लाख पेंशनभोगी हैं। उन्होंने कहा कि पोर्टल में पेंशनभोगियों के लिए घर बैठे या कहीं और से इंटरनेट के जरिये अपनी फिंगरप्रिंट जैसे बायोमेट्रिक विवरण अपलोड करने की सुविधा रहेगी जिससे उन्हें डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्राप्त करने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि पेंशन देने वाला बैंक अपने पेंशनधारक का डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट पोर्टल से ही प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि पेंशनभोगी को विकल्प दिया जाएगा कि वह अपने आधार नंबर को भी लाइफ सर्टिफिकेट के साथ जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह विकल्प के तौर पर रहेगा। पेंशनभोगी यदि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का विकल्प नहीं चुनना चाहते हैं तो वे पेंशन देने वाले बैंक के पास अपने जीवित होने का प्रमाण-पत्र जमा कर सकते हैं।’ पेंशनभोगी को अपनी पेंशन जारी रखना सुनिश्चित करने के लिए हर साल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए बैंक जाना जरूरी होता है।
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा सरकार की यह भी एक क्रांतिकारी पहल है जिसके तहत बुजुर्ग पेंशनभोगियों को अपने जीवित होने का प्रमाण-पत्र जमा करने के लिए बार-बार बैंक जाने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। इस नए प्रावधान की प्रक्रिया न सिर्फ आसान रहेगी बल्कि देश के बुजुर्ग नागरिकों की गरिमा का भी यह एक सम्मान होगा। सरकार आखिरी कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति को प्राथमिकता देने और अधिकतम सुशासन, न्यूनतम सरकार के सिद्धांत पर काम करने का लक्ष्य रखती है।’