प्रभु ने कहा कि किसी भी परिवहन संगठन का जोर सुरक्षित आवागमन पर होना चाहिए जहां दुर्घटना की कोई गुंजाइश न हो। साथ ही उन्होंने निर्धारित समयसीमा के भीतर दुर्घटना मुक्त मिशन शुरू करने की जरूरत पर जोर दिया।
रेल क्षेत्र में निवेश के अवसरों को रेखांकित करते हुए प्रभु ने कहा, सरकार अगले पांच वर्षों में रेलवे में 120 अरब डालर निवेश करेगी और भविष्य में यह राशि बढ़ेगी। विदेशों से निवेश आमंत्रित करने के लक्ष्य का जिक्र करते रेल मंत्री ने कहा कि भारत के पास दक्ष मानव संसाधन, बड़ा बाजार है और वृहद विनिर्माण केंद्र के रूप में वह लाभ की स्थिति में है। इसके अलावा उसके पास निर्यात की क्षमता वाले विनिर्माण केंद्र के रूप में आंतरिक खपत के भी अवसर है।
उन्होंने कहा, मेक इन इंडिया के लिए एक सकारात्मक माहौल है। हम अन्य देशों के साथ गठजोड़ करना चाहते हैं ताकि भारत को विनिर्माण केंद्र के रूप में तैयार कर सकें। आइए अपना उत्पाद यहां तैयार कीजिए और फिर यहां से निर्यात करें।
रेल मंत्री ने यहां एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में कहा, दुनियाभर में परिवहन का जोर सुरक्षा पर है और यह रेलवे के साथ भी है। हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करें।