रीबॉक ने खुद को फिटनेस ब्रांड के तौर पर स्थापित करने के लिए कमर कस ली है। अगले साल यानी 2016 के अंत तक रीबॉक की भारत में 15 नए तरह के फिटनेस स्टूडियो खोलने की योजना है।
रीबॉक इंडिया के ब्रांड निदेशक सोमदेव बसु ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘2012 में हमने सिर्फ फिटनेस पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया था। अब हम रीबॉक को स्पोर्ट्स उत्पादों के बजाय फिटनेस ब्रांड के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। 2016 के अंत तक हमने 15 नए तरह के फिटनेस स्टूडियो खोलने की योजना बनाई है।’
यह स्टूडियो साधारण रीटेल स्टोर नहीं होगा, जहां आप जाकर खेल या फिटनेस से संबंधित सामान खरीदें और बाहर निकल जाएं। रीबॉक अपने उत्पाद बेचने के अलावा इन फिटनेस स्टूडियो में योग, एयरोबिक्स और अन्य तरह के व्यायाम का प्रशिक्षण भी देगा। फिलहाल देश में सिर्फ मुंबई में एक फिटनेस स्टूडियो है।
यह खबर उस वक्त आई है, जब खान-पान, योग और स्वास्थ्य को लेकर भारत में लोग सजग और चिंतित हो रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक आने वाले दिनों में भारत स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए एक बड़ा बाजार साबित होगा। भारत के लोग तेजी से अपनी दिनचर्या और जीवनशैली को सुधारने के लिए प्रयत्नशील हैं।
रीबॉक ने अपनी छवि बदलने के लिए नए तरह की खुदरा दुकानें खोलने के अलावा अपने उत्पादों के संकलन में भी बदलाव किया है। उन्होंने कहा हम क्रिकेट बैट जैसी खेल से जुड़ी वस्तुओं की बिक्री से बेहद उत्साहित हैं इसलिए हम फिटनेस से जुड़े उत्पाद भी पेश कर रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है जो किसी मल्टीनेशनल कंपनी की नजर भारत के बाजार पर पड़ी है। इससे पहले नब्बे के अंत और सन 2000 के शुरुआती दिनों में भारत में सौंदर्य प्रसाधनों की बाढ़ सी आ गई थी। उस दौर में भारत से विश्व और ब्रह्मांड सुंदरियों की कतार लग गई थी। इससे आम जीवन में भी महिलाओं में सजने-संवरने की ललक बढ़ गई थी।
एक अनुमान के मुताबिक अभी भारत में सौंदर्य प्रसाधनों का कुल बाजार 29, 000 करोड़ रुपयों का है। लॉरियल पेरिस, रेवलॉन, मैबलिन, एस्टी लाउडर जैसे सभी बड़े ब्रांड अब भारत में मौजूद हैं।
इसी तरह जब सानिया मिर्जा, सानिया नेहवाल, जोशना चिनप्पा, पीवी सिंधु जैसी खिलाड़ियों को देख कर लड़कियों में फिटनेस का जोश बढ़ने लगा है। क्रिकेट के लिए तो भारत में स्थाई पागलपन रहता ही है। इसके अलावा अब हॉकी और कबड्डी के लिए भी भारतीयों में ललक पैदा हो रही है। यही वजह है कि रीबॉक अब फिटनेस के बाजार पर कब्जा जमाना चाहता है।
यह कंपनी एडिडास समूह का अंग है और वह अपनी मौजूदा दुकानों को 2017 के मध्य तक नए स्वरूप फिट क्लब में तब्दील करना चाहती है। बसु ने कहा फिलहाल भारत में रीबॉक की 300 दुकानें हैं जिनमें से 130 फिट हब स्टोर हैं। हमने इन सबको फिट हब में तब्दील करने की योजना बनाई है।