प्रधानमंत्री ने दिल्ली में दो दिन के पहले राजस्व ज्ञान संगम का उद्घाटन करते हुए अधिकारियों से प्रशासन को बेहतर और दक्ष बनाने के लिए डिजिटलीकरण की दिशा में कदम बढ़ाने तथा अविश्वास की खाईं पाटने का कार्य करने को कहा।
उद्घाटन सत्र के बाद वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि मोदी ने अधिकारियों को यह भी सुझाव दिया कि उन्हें करदाताओं के मन से उत्पीड़न या परेशान किये जाने का डर दूर करने का प्रयास करना चाहिए तथा लोगों के साथ सौम्य और विनम्र रहना चाहिए।
राजस्व ज्ञान संगम में वित्त मंत्री अरुण जेटली और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क (सीबीईसी) के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने करदाताओं की संख्या बढ़ाकर 10 करोड़ करने की जरूरत पर भी बल दिया। अभी देश में 5.43 करोड़ करदाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारियों को पता है कि कर संग्रह के संबंध में समस्या कहां है। उन्होंने कहा कि दो दिन के ज्ञान संगम के बाद क्षेत्र में काम करने वाले अफसरों को इसे कर्म संगम में तब्दील करना चाहिए ताकि यहां जो विचार हुआ उसका जमीनी स्तर पर पालन हो सके। मोदी ने कहा, भारत के लोग सहज रूप से ईमानदार हैं। यदि आप भरोसा बढ़ाते हैं तो लोग कर का भुगतान करेंगे और आप लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी नागरिकों में कानून के प्रति श्रद्धा होनी चाहिए और कर चोरी करने वालों में कानून के लंबे हाथ के प्रति भय होना चाहिए लेकिन लोगों में कर अधिकारियों के प्रति डर नहीं होना चाहिए।