स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने आसियन-भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा करने के फैसले का स्वागत किया है। इससे संतुलन बनने पर भारत को व्यापार के क्षेत्र में फायदा होगा। दस आसियान सदस्य देशों और भारत के बीच 16वीं बैठक में इसके संबंध में फैसला लिया गया है।
समीक्षा का प्रावधान न होना दुर्भाग्यपूर्ण था
एसजेएम के राष्ट्रीय सह संयोजक डा. अश्वनी महाजन ने एक बयान जारी करके कहा कि आसियान-भारत के बीच यूपीए सरकार के दौरान हुआ मुक्त व्यापार समझौता समान अवसर देने वाला नहीं थ। इसमें यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौता कभी नहीं बन पाया। इस समझौते से बाहर निकलने या समीक्षा करने का कोई प्रावधान नहीं था। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण था। नए फैसले से यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति खत्म हो गई है।
कई उद्योगों पर पड़ा बुरा असर
आसियान-भारत एफटीए होने के बाद से ही आसियान देशों के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर ढाई गुना हो गया। एक सामान्य सिद्धांत के अनुसार कोई भी व्यापार समझौता तब तक अच्छा नहीं माना जा सकता है जब तक उसमें असमानता और असंतुलन हो। एफटीए के बाद कृषि और उद्योग सहित कई सेक्टरों पर बुरा असर पड़ा। उद्योग जगत में स्टील, ग्लास, टेलीकॉम और कई दूसरे उद्योगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा।
कई सेक्टरों को उबारने में मदद मिलेगी
समीक्षा करने के फैसले से व्यापार में संतुलन बनाने और कई सेक्टरों में उबारने में मदद मिलेगी। इससे मैन्यूफैक्चरिंग को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा और कृषि क्षेत्र को मदद मिलेगी। मैन्यूफैक्चरिंग और नौकरियां भारत में लाने में भी सहायता मिलेगी। डा. महाजन ने समीक्षा पर सहमति बनाने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के प्रयासों की भी तारीफ की।