प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुुुुरुवार को छोटे शहरों के बीच सस्ती हवाई सेवाओं की योजना 'उड़ान' के तहत शिमला-दिल्ली के बीच पहली हवाई सेवा लांच की। इस स्कीम के जरिए एक घंटे या करीब 500 किलोमीटर की हवाई यात्रा सिर्फ 2500 रुपये में हो सकेगी।
शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने नई दिल्ली केे लिए उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने कड़प्पा-हैदराबाद और नांदेड-हैदराबाद मार्गों पर भी दो हवाई सेवाओं का शुुुुभारंभ किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि हवाई चप्पल पहनने वाला गरीब से गरीब व्यक्ति भी हवाई जहाज से यात्रा करता हुआ नजर आए।’ इस योजना को 'उड़े देश का आम नागरिक' यानी उड़ान (UDAN) नाम दिया है, जिसकेे तहत अगली उड़ान मुंबई-नांदेड़ मार्ग के बीच होगी। पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली-शिमला उड़ान का किराया 2,036 रुपये होगा, जाेे टैक्सी से भी सस्ता हैैै। इस उड़ान का संचालन एयर इंडिया की अनुषंगी कंपनी अलायंस एयर करेगी। कंपनी ने इस रूट पर 42 सीटों की क्षमता वाले एटीआर विमान लगाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले यह माना जाता रहा है कि हवाई यात्रा केवल राजा-महाराजा और संपन्न वर्ग के लोगों के लिए ही होती है। हमें इस सोच को बदलने की जरूरत है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान नागर विमानन मंत्री रहे राजीव प्रताप रूडी के सामने उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण के 'काॅमन मैन' को एयरलाइन का शुभंकर होना चाहिए।
क्या है याेेजना?
छोटे शहरों के बीच सस्ती हवाई सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए पिछले महीने 128 हवाई रूटों पर विभिन्न एयरलाइंस को उड़ान शुरू करने की अनुमति दी गई है। इसके लिए सरकार कई तरह की मदद भी देगी। योजना के तहत 1 घंटे और 500 किलोमीटर के सफर के लिए अधिकतम किराया 2500 रुपये तय किया गया है। इसी अनुपात में दूसरे रूट्स का किराया भी तय होगा। यह स्कीम 7 या उससे कम रेग्युलर फ्लाइट्स वाले छोटे शहरों में एयर सर्विस बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई है। हर फ्लाइट की आधी सीटें योजना के तहत तय बुक की जाएंगी। बाकी सीटों के लिए एयरलाइंस अपने हिसाब से बाजार कीमत पर टिकट बुक कर सकती है।
45 हवाई अड्डाेें को जोड़नेे की तैयारी
केंद्र सरकार का इरादा पहले चरण में 45 एेसे वाले हवाई अड्डाेें को इस सेवा से जोड़ने का है, जहां अभी कोई हवाई सेवा नहीं है या बहुत कम सेवाएं है। मोदी ने कहा कि पिछले 70 साल के दौरान किसी विमानन नीति के अभाव में दूसरे विश्व युद्ध के समय बड़ी संख्या में बनी हवाई पट्टियां बेकार पड़ी थीं। इनका सदुपयोग करने की जरूरत है।