आल इंडिया बैंक एंप्लाईज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव एच. वेंकटचलम ने यहां संवाददाताओं को बताया कि सार्वजनिक, निजी, विदेशी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के करीब पांच लाख कर्मचारी 25 मई को एक दिन की हड़ताल में हिस्सा लेंगे।
एआईबीईए अपनी मांग के लिए 26 अप्रैल को संसद के सामने धरना भी देगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन सौंपेगा। वेंकटचलम ने कहा कि भारत में बैंक 90 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन करते हैं जो कि जनता की गाढ़ी मेहनत का पैसा है। यदि इनका निजीकरण किया जाता है तो किसान सहित आम जनता आसानी से ऋण प्राप्त करने में असमर्थ होगी।