नई दिल्ली। मैगी में हानिकारक तत्वों को लेकर मचे विवाद के बाद बाकी कंपनियां भी सतर्क हो गई हैं। टाटा स्टारबक ने अपनी तरफ से पहल करते हुए कहा है कि वह भारतीय कैफे में पेश की जाने वाली खाने-पीने की चीजों में ऐसी सामग्री का इस्तेमाल नहीं करेगी जिसे देश के खाद्य नियामक एफएसएसएआई की मंजूरी नहीं मिली है। गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध कॉफी चेन स्टाकबक की भारत में टाटा ग्लोबल वेबरेजज के साथ साझेदारी है।
इस संयुक्त उपक्रम टाटा स्टारबक लिमिटेड ने कहा है कि वह फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने के लिए काफी मेहनत कर रही है। हालांकि कंपनी ने उन अवयवों की विस्तृत जानकारी नहीं दी है जिन्हें FSSAI की स्वीकृति नहीं मिली है। लेकिन कंपनी का कहना है कि वह वह अपने उत्पादों में एफएसएसएआई द्वारा स्वीकृत अवयवों का ही उपयोग करेगी, जो स्टारबक के वैश्विक मानदंड पर खरे उतरते हों।
कंपनी के इस निर्णय को मैगी विवाद के बाद ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। कंपनी ने स्पष्ट किया है एेसी सामग्रियों, जिनके इस्तेमाल पर रोक लगाई जा रही है, वह पूरी तरह सुरक्षित हैं और 65 से अधिक देशों के सुरक्षित खाद्य संबंधी नियमों के अनुरूप हैं।