वित्त सचिव राजीव महर्षि ने कहा, वह सेबी के अंशकालिक सदस्य बनने के लिए पूरी तरह योग्य हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी तरह के विवाद की कोई वजह है। वे बहुत ईमानदार हैं। नियुक्ति से पहले हमने अपने स्तर पर जांच की है।
वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि यह नियुक्ति सेबी कानून के उस प्रावधान के तहत की जा रही है जिसके तहत सरकार सेबी में पांच सदस्यों की नियुक्ति कर सकती है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) स्टाक एक्सचेंज, म्यूचुअल फंड सहित हजारों सूचीबद्ध कंपनियों के नियमन का काम देखता है। वित्त मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा, वह जाने माने वकील हैं। इसमें विवाद का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। साठे के बारे में कहा जाता है कि वे आरएसएस के सदस्य रहे हैं।
सरकार सेबी में जिन पांच सदस्यों की नियुक्ति कर सकती है उनमें से कम से कम तीन पूर्णकालिक सदस्य होने चाहिए। इसके अलावा निदेशक मंडल में एक चेयरमैन और तीन नामित सदस्य होते हैं। एक रिजर्व बैंक से, वित्त मंत्रालय से और एक कार्पोरेट कार्य मंत्रालय से होता है। साठे की नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जबकि सेबी बोर्ड में एक और रिक्ति है। इसके चेयरमैन यू के सिन्हा का कार्यकाल फरवरी 2016 में समाप्त होना है।