यह जानकारी खुद नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने उद्योग चैंबर फिक्की के कार्यक्रम में दी है। अमिताभ कांत ने शुक्रवार को बताया कि सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए नगद ट्रांजैक्शन पर सेस लगाने पर विचार कर रही है। सरकार चाहती है कि ज्यादातर पेमेंट कैशलेस हो। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं पर अगले कुछ महीनों में 340 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।
फिक्की की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए कांत ने बताया कि नोटबंदी के बाद सभी तरह के डिजिटल ट्रांजैक्शन में कई गुना इजाफा हुआ है। 8 नवंबर के बाद से रूपे से ट्रांजैक्शन में 316 फीसदी इजाफा हुआ है। ई-वॉलिट्स से 271 प्रतिशत, यूपीआई से 119 प्रतिशत, यूएसएसडी से 1202 प्रतिशत और पॉइंट ऑफ सेल से ट्रांजैक्शन में 95 फीसदी का इजाफा हुआ है। चूंकि डिजिटल ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी हुई है इसलिए इस पर अब बहुत कम चार्ज लगेगा। उन्होंने कहा कि 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनने के लिए और 7.5 प्रतिशत की विकास दर को बरकरार रखने के लिए डिजिटाइजेशन जरूरी है। कांत ने कहा कि जनवरी के मध्य तक कैश की किल्लत दूर हो जाएगी।