इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कहा था कि 30 दिसंबर तक 5,000 रुपये से अधिक के पुराने नोट सिर्फ एक बार जमा कराए जा सकेंगे और इसके लिए भी ग्राहक को कारण बताना होगा कि वह पहले क्यों ऐसा नहीं कर पाए। दो बैंक अधिकारी इस संबंध में उससे पूछताछ करेंगे।
अब ऐसे ग्राहकों से बैंक अधिकारी यह सवाल नहीं करेंगे कि पहले वे ये नोट जमा क्यों नहीं करा पाए। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार रात और कल यह भरोसा दिलाया था कि एक बार 5,000 से अधिक पुराने नोट जमा कराने वाले ग्राहकों से कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा। हालांकि, बैंक अधिकारी इसके बावजूद लोगों की बात सुनने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि रिजर्व बैंक को इस बारे में नया सर्कुलर जारी करना चाहिए।
हालांकि, गैर केवाईसी अनुपालन वाले खाताधारकों को 19 दिसंबर को रिजर्व बैंक द्वारा लगाई गई कड़ी शर्तों को पूरा करना होगा। इससे पहले रिजर्व बैंक को अपने इस फैसले के लिए चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। लोग कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री जेटली ने खुद लोगों से कहा था कि वे बैंकों में भीड़ न करें क्योंकि उनके पास पुराने नोट जमा करने के लिए 30 दिसंबर तक का समय है।
रिजर्व बैंक की आज जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इन दिशानिर्देशों की समीक्षा के बाद पूर्ण केवाईसी अनुपालन वाले खातों में पुराने नोट जमा कराने के नियमों में संशोधन का फैसला किया गया है। (एजेंसी)