बीते जुलाई में थोक महंगाई की दर कई साल के निचले स्तर 1.08 फीसदी पर रह गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फ्यूल और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आने के कारण थोक मूल्य सूचकांक में गिरावट आई है।
फ्यूल की कीमतों में गिरावट
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार पिछले साल जुलाई में थोक महंगाई 5.27 फीसदी थी। जबकि इस साल जून में थोक महंगाई 2.02 फीसदी रही थी। फ्यूल और पावर सेगमेंट में जुलाई में महंगाई नहीं बल्कि गिरावट रही। इन वस्तुओं की कीमत 3.64 फीसदी घट गई। जून में इनकी कीमत में 2.2 फीसदी की गिरावट रही थी। जुलाई में खुदरा महंगाई घट गई थी।
खाद्य वस्तुओं में भी राहत
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई जुलाई 6.15 फीसदी रही जबकि जून में इन वस्तुओं में 6.98 फीसदी महंगाई देखी गई थी। इस वर्ग में भी उपभोक्ताओं को राहत मिली है। खाद्य वस्तुओं के वर्ग में फल और सब्जियों की कीमत 5 फीसदी बढ़ गई। इसके कारण इसके उप वर्ग का सूचकांक 1.3 फीसदी बढ़ गया। इसका सूचकांक 151.7 से बढ़कर 153.7 पर पहुंच गया।
इन वस्तुओं की कीमत घटी
लेकिन फिश-मैरिन में सात फीसदी, चाय में छह फीसदी, पान में पांच फीसदी, पोल्ट्री, चिकन में तीन फीसदी और फिश-इनलैंड तथा उड़द में एक फीसदी की गिरावट रही।
इन वस्तुओं में तेजी
खाद्य वस्तुओं में अंडा, मक्का और ज्वार में चार फीसदी, पोर्क में तीन फीसदी, बीफ एवं बफैलो मीट, बाजरा मसालों में दो फीसदी और जौ, मूंग, धान, रागी और अरहर में एक फीसदी की तेजी रही। इस साल जुलाई में फुटकर महंगाई 3.15 फीसदी रही जबकि पिछले महीने यह 3.18 फीसदी रही थी।