एक झटके में ब्याज दरों में इतनी ज्यादा कटौती की उम्मीद नहीं थी, लेकिन एक बार फिर रघुराम राजन ने सरप्राइज दिया है। कटौती की घोषणा करते हुए रघुराम राजन ने कहा कि नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती जमीनी स्तर पर हुए सुधार को देखते हुए की गई है, इसे दिवाली पर बोनस न समझा जाए। उन्होंने कहा कि अब बैंकों को चाहिए कि वे इस वर्ष ब्याज दर में की गई कुल मिलाकर 1.25 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ कर्जदारों को दें।
रिजर्व बैंक ने आज जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में तुरंत प्रभाव से मुख्य नीतिगत दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 6.75 प्रतिशत कर दिया जो कि 4.5 साल का न्यूनतम स्तर है। इससे पहले जून में इसे चौथाई फीसद घटाकर 7.25 प्रतिशत किया गया था। रिवर्स रेपो रेट अब घटकर 5.75 हो गया है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये सकल घरेलू उत्पाद यानी के अनुमान में भी फिर एक बार संशोधन किया है। इसे 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.4 प्रतिशत किया है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में कहा कि यह जनवरी 2016 में 5.8 प्रतिशत रहेगी।
आरबीआई के इस कदम से उद्योग जगत और आम जनता को सस्ता कर्ज मिलने का रास्ता खुल गया है। ब्याज दर में कटौती का यह फैसला महंगाई में कमी को देखते हुए और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए उठाया गया है लेकिन इसका पूरा फायदा जनता तक पहुंचाना बैंकों पर निर्भर करता है। आरबीआई ने हाउसिंग लोन लेने के मानदंडों में भी कुछ ढील दी है।
कितना सस्ता होगा कर्ज
अगर बैंक तुरंत आधा फीसदी ब्याज दर घटाते हैं तो होम लोन की ईएमआई पर सालाना 12 हजार रुपये तक की बचत हो सकती है। इसी तरह ऑटो लोन की ईएमआई पर सालाना 3100 रुपए की बचत हो सकती है। आरबीआई जनवरी 2015 से अब तक चार बार रेपो रेट में कटौती कर चुका है।