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सरकारी कर्मचारियों के लिए झटका, जीपीएफ पर ब्याज दरों में कटौती

मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) पर ब्याज दरों में कमी कर दी गई है।...
सरकारी कर्मचारियों के लिए झटका, जीपीएफ पर ब्याज दरों में कटौती

मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) पर ब्याज दरों में कमी कर दी गई है। 10 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद अब इस फंड में जमा राशि पर 8 प्रतिशत की बजाय 7.9 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। नई ब्याज दरें 1 जुलाई से प्रभावी हो चुकी हैं। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'वित्त मंत्रालय ने जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) पर मिलने वाले ब्याज में 10 बेसिस पॉइंट की कमी की है। 1 जुलाई से 7.9 फीसदी ब्याज मिलेगा।' पिछली तीन तिमाहियों से 8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा था।

सरकारी कर्मचारी होंगे प्रभावित

बयान के अनुसार, यह ब्याज दर केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रेलवे, रक्षा बलों की भविष्य निधि, इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्ररीज के कर्मचारियों के भविष्य निधि पर लागू होगी।  के सदस्य केवल सरकारी कमर्चारी होते हैं। सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा इसमें निवेश करते हैं, जिसका रिटर्न उन्हें सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त होता है।

अक्टूबर 2018 में भी किया गया था बदलाव

इसके पहले जीपीएफ की ब्याज दर में बदलाव अक्टूबर 2018 में किया गया था, जब ब्याज दर 0.4 प्रतिशत बढ़ाकर 8 फीसदी तक किया गया था। पिछले महीने ही सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी) जैसी छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर में भी 0.1 प्रतिशत की कटौती की थी।

एनएससी और पीपीएफ पर ब्याज दर 7.9 प्रतिशत और किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.6 फीसदी कर दिया गया था। वहीं मार्च, 2017 में सरकार ने जीपीएफ निकालने के नियम को आसान बना दिया था, जिसके बाद इससे जुड़े लोग चाहें तो 15 दिन के भीतर ही भुगतान हासिल कर सकते हैं। कर्मचारी नौकरी के 10 साल पूरा होने पर ही कुछ खास जरूरतों के लिए जीपीएफ निकाल सकते हैं, पहले ऐसा 15 साल के बाद ही हो सकता था।

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