कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 6 करोड़ से ज्यादा अंशधारकों को तोहफा देते हुए प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) पर ब्याज की दर बढ़ा दी है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज दर 8.65 फीसदी कर दी गई। इससे पहले ईपीएफओ ने 2017-18 में अपने अंशधारकों को पीएफ पर 8.55 फीसदी का ब्याज दिया था। इस हिसाब से पीएफ में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) की गुरुवार को बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि ईपीएफओ के ट्रस्टी के केंद्रीय बोर्ड (सीबीटी) के सभी सदस्यों ने दिल्ली में एक बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि अब इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। वित्त मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद ब्याज को उपयोक्ताओं के खाते में डाल दिया जाता है।
6 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को होगा फायदा
इस संबंध में गुरुवार को रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की हुई बैठक में फैसला किया गया। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 6 करोड़ से ज्यादा अंशधारक हैं। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि ब्याज दरें पिछले वित्त वर्ष के जैसे ही रहेंगी।
2016 के बाद पहली बार पीएफ की ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई
जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016 के बाद पहली बार पीएफ की ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। साल 2012-13 में पीएफ पर 8.5 फीसदी ब्याज दर थी। इसके बाद साल 2013-14 में ये बढ़कर 8.75 फीसदी हो गई। साल 2014-15 में आपको पीएफ पर 8.75 फीसदी ब्याज मिला था। वहीं, 2015-16 में ये ब्याज दर बढ़कर 8.8 फीसदी हो गई थी। साल 2016-17 में पीएफ पर ब्याज की दर घटकर 8.65 फीसदी हो गई थी। वहीं, पिछले साल भी इसमें कटौती हुई थी। पिछले साल आपको पीएफ पर 8.55 फीसदी ब्याज मिला था। अब 2018-19 में ब्याज दर बढ़कर 8.65 फीसदी हो गई है।
ईपीएफओ का बोर्ड पीएफ पर ब्याज दरों पर फैसला करता है
बता दें कि श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का बोर्ड पीएफ पर ब्याज दरों को लेकर फैसला करता है। ईपीएफओ के ब्याज दरें तय करने के बाद ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास जाता है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी इसके लिए जरूरी होती। वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही बढ़ी हुई ब्याज दर का फायदा पीएफ अकाउंट धारकों तक पहुंचा दिया जाता है। ईपीएफओ के देश में 6 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं। ये 11 लाख करोड़ रुपए की रिटायरमेंट सेविंग की देखरेख करता है।