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निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट, दिसंबर में 15% घटा

केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम और आर्थिक विकास के तमाम वादे के विपरीत देश के निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक मांग में नरमी के बीच दिसंबर 2015 में भारत का निर्यात 14.75 प्रतिशत गिरकर 22.2 अरब डालर रह गया। जबकि व्यापार घाटा बढ़कर चार महीने के उच्‍चतम स्‍तर 11.6 अरब डालर पर पहुंच गया है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में व्‍यापार घाटा 9.1 अरब डॉलर था।
निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट, दिसंबर में 15% घटा

आयात भी पिछले साल दिसंबर के मुकाबले चालू वित्त वर्ष की समीक्षाधीन अवधि में 3.88 प्रतिशत गिरकर 33.9 अरब डालर रहा। इस दौरान सोने का आयात दिसंबर में तीन गुना बढ़कर 3.80 अरब डालर रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 1.36 अरब डालर था।

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक निर्यात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि के दौरान 18 प्रतिशत गिरकर 196.6 अरब डालर रह गया जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 239.9 अरब डालर था। इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम उत्पाद और रत्न एवं आभूषण समेत निर्यात के मुख्य क्षेत्रों में दिसंबर 2015 के दौरान गिरावट आई है। अप्रैल से दिसंबर के दौरान नौ महीने में आयात में 15.87 प्रतिशत का संकुचन हुआ और यह 295.8 अरब डालर रहा, जिसके परिणामस्वरूप व्यापार घाटा 99.2 अरब डालर पर रहा। कच्चे तेल का आयात दिसंबर में 33.19 प्रतिशत गिरकर 6.65 अरब डॉलर रहा है। 

भारत तथा यूरोपीय संघ के वरिष्ठ अधिकारी प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर अटकी पड़ी बातचीत पर संभवत: कल बातचीत करेंगे। एक अधिकारी ने कहा, दोनों पक्ष बातचीत की प्रगति की समीक्षा और आगे बढ़ने के उपायों पर चर्चा करेंगे। बैठक 30 महीने के अंतराल पर हो रही है। 

वाणिज्य सचिव रीता तेवतियात ने हाल ही में कहा था कि यह बैठक स्थिति का जायजा लेने के लिए है। रीता ने कहा था, बैठक में यह फैसला किया जाएगा कि क्या इस बातचीत को कोई भविष्य है। उम्मीद है कि यह सबके हित में है। उसके बाद हम आगे बढ़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ  (ईयू) द्वारा जीवीके बायोसाइंसेस द्वारा क्लिनिकल रूप से परीक्षण किए गए 700 औषधि उत्पादों पर प्रतिबंध पर निराशा जताते हुए भारत ने पिछले साल अगस्त में ईयू के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत टाल दी थी। 

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