उल्लेखनीय है कि माल्या की विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस लंबे समय से बंद पड़ी है। किंगफिशर और कई अन्य कंपनियों के मालिक माल्या पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है। प्रवर्तन निदेशालय के सम्मनों के बावजूद माल्या इस समय लंदन में हैं।
जेटली ने कल यहां माल्या से जुड़े एक सवाल पर कहा, ‘मैं इस पर कोई अंतिम राय नहीं दे रहा हूं। ऐसा किसी कंपनी विशेष के कारोबारी मॉडल के कारण हो सकता है।’ इसके साथ ही जेटली ने उन्हें इस मामले में सीधे तौर पर नहीं जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा, ‘जहां तक वसूली का सवाल है इस (माल्या) मामले में, बैंक सभी संभव कदम उठा रहे हैं। और जांच एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि कहीं किसी दंडात्मक प्रावधान का उल्ललंघन तो नहीं हुआ है।
माल्या ने तीन अलग-अलग अवसरों पर प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष हाजिर होने के लिए भारत लौटने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। निदेशालय उनके खिलाफ मनी लांडिंग के एक मामले की जांच कर रहा है। जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विदेश मंत्रालय ने माल्या के राजनयिक पासपोर्ट को चार सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया।
मंत्री ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस (माल्या के मामले) का सरकार से कुछ लेना-देना है क्योंकि अनेक मामले अदालतों में लंबित हैं। जब वह भारत में थे, मुझे बैकिंग क्षेत्र से पता चला कि लगभग हर वसूली, हर कदम को अदालत में चुनौती दी गई है। मंत्री ने कहा, उन्होंने अपनी रवानगी के दिन तक कानूनी प्रकिया का इस्तेमाल किया। जेटली ने कहा कि मौजूदा नियमों के तहत कोई संसद सदस्य अगर दिवालिया घोषित होता है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो सकती है और इसके लिए दिवालिया कानून जरूरी है। एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि भारत में विमानन क्षेत्रा उतना प्रभावित नहीं है जितना कि इस्पात व बिजली जैसे अन्य क्षेत्र।
जेटली ने कहा, अगर आप भारत में अन्य विमानन कंपनियों को देखें तो उनमें से ज्यादातर मुनाफा कमा रही हैं। जेट अब मुनाफे में है। इंडिगो ने हमेशा ही मुनाफा कमाया है। स्पाइसजेट भी मुनाफा कमा रही है। गो एयर लाभ में है।