ऑल इंडिया ट्रेड यूनियंस की ओर किए गए भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला। कहीं ट्रेनें रोकी गईं तो कहीं चक्का जाम रहा। पब्लिक सेक्टर बैंकों, बीएसएनएल, डाक और एलआईसी समेत कई दफ्तरों में कामकाज ठप रहा।
देश की दस केन्द्रीय मजदूर यूनियनों ने आज हड़ताल का आह्वान किया था जिसके चलते देश के अलग-अलग हिस्सों में सुबह से ही बंद का असर दिखने लगा था। कहीं दुकानें बंद रहीं तो कहीं सड़कें सुनसान नजर आईं।
ये बंद श्रम सुधार और निजीकरण के खिलाफ है। कई ट्रेड यूनियन सरकार की कथित जन विरोधी नीतियों के खिलाफ इस बंद में शामिल हैं। छह सेंट्रल ट्रेड यूनियन और छह बैंकिंग यूनियन ने बंद का समर्थन किया है। आज और कल एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है, हालांकि निजी बैंकों पर असर नहीं होगा। बताया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर वो इस बंद में शामिल होते हैं तो इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। न सिर्फ उनका वेतन कटेगा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। पंजाब सरकार ने भी काम पर नहीं आने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं देने का ऐलान किया है।
इन जगहों पर दिख रहा भारत बंद का असर
- दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के खिलाफ और दस ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट।
- भारत बंद का दिल्ली में आम जनजीवन पर असर नहीं।
- भारत बंद के कारण नगर निगम का काम पूरी तरह से ठप, कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन।
- भारत बंद के कारण गाजियाबाद में प्रदर्शन करते बैंक कर्मचारी।
- पश्चिम बंगाल के 24 परगना में बंद समर्थकों ने ट्रेनें रोकीं।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि रेलवे ट्रैक पर बम लगाना 'गुंडागर्दी' है। आंदोलन के नाम पर यात्रियों को पीटा गया और पत्थरबाजी की जा रही है। यह दादागिरी है न कि आंदोलन।'
- बंगाल के अलावा दिल्ली, पंजाब में भी भारत बंद का असर दिख रहा है। पंजाब के अमृतसर में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगाया तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली में ट्रेड यूनियन की तरफ से मार्च निकाला गया।
- भारत बंद का बिहार में भी असर दिख रहा है, समर्थकों का सड़क जाम कर नारेबाजी और प्रदर्शन जारी है।
- देश के कई हिस्सों में भले ही भारत बंद का असर दिख रहा हो, लेकिन आज भी मुंबई के डिब्बेवालों का काम जारी है।
- महाराष्ट्र: उद्धव सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण बोले, राज्य सरकार भारत बंद का समर्थन करती है। केंद्र सरकार मजदूर-विरोधी सरकार है।
- ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में हिमाचल प्रदेश में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU) ने शिमला में भारी बर्फबारी के दौरान विरोध प्रदर्शन किया।
- भारत बंद के दौरान चेन्नई में कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
- केरल में ट्रेड यूनियन्स ने कोच्चि में निकाला संयुक्त मार्च।
- तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै में दिखा भारत बंद का असर, माउंट रोड पर जुटे प्रदर्शनकारी।
- महाराष्ट्र में भारत बंद को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का समर्थन। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, 'मोदी-शाह सरकार की जनविरोधी और मजदूरविरोधी नीतियों ने बेरोजगारी की समस्या खड़ी कर दी है और मोदी के उद्योगपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने में हमारे पीएसयू कमजोर हुए हैं। आज 25 करोड़ कर्मचारियों ने भारत बंद बुलाया है। मैं उन्हें सलाम करता हूं।'
- मुंबई: भारत पेट्रोलियम में विनिवेश के केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ बीपीसीएल कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन।
- कर्नाटक: मदिकेरी में प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बस में की तोड़फोड़।
- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने देश के आम लोगों से भी की भारत बंद में शामिल होने की अपील।
- पश्चिम बंगाल: सिलिगुड़ी में उत्तर बंगाल सड़क परिवहन निगम के ड्राइवर ने बस चलाते समय पहना हेल्मेट।
- केरल: ट्रेड यूनियन्स ने पर्यटन सेक्टर को भारत बंद से अलग रखा है।
अधिकतर बैंकों ने इस हड़ताल और इससे उनकी सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में शेयर बाजारों को सूचित कर दिया है। बैंक कर्मचारियों की ज्यादातर यूनियनों ने भी हड़ताल में भाग लेने और उसका समर्थन करने की अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। विभिन्न संगठनों के मुताबिक, सरकार की ‘‘जन- विरोधी’’ नीतियों के खिलाफ की जा रही इस हड़ताल में देशभर में 25 करोड़ लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। बैंक कर्मचारियों की अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए), भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघों और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ समेत विभिन्न यूनियनों ने हड़ताल का समर्थन करने का निर्णय लिया है।
इन सेवाओं पर भी असर
बैंकों में राशि जमा करने, निकासी करने, चेक क्लियरिंग और विभिन्न वित्तीय साधनों को जारी करने का काम हड़ताल की वजह से प्रभावित हो सकता है। हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों में सेवाओं पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है।
क्यों है भारत बंद?
दस कर्मचारी संघों के परिसंघ ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है, ‘‘श्रम मंत्रालय कर्मचारियों की किसी भी मांग को लेकर आश्वासन नहीं दे पाया। मंत्रालय ने दो जनवरी 2020 को कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। सरकार की नीतियों और कार्रवाई से लगता है कि सरकार श्रमिकों के प्रति रवैया ठीक नहीं है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि आठ जनवरी 2020 को होने वाली आम हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कामकाजी लोग भागीदारी करेंगे। सरकार की कर्मचारी विरोधी, जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल के बाद और भी कदम उठाये जायेंगे।
हड़ताल में ये हैं शामिल
सरकार की ‘‘जन- विरोधी’’ नीतियों के खिलाफ की जा रही इस हड़ताल में देशभर में 25 करोड़ लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिन्द मजदूर सभा (एचएमएस), कन्फेडरेशन आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के अलावा टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी तथा विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र यूनियनों और महासंघों ने पिछले साल सितंबर में ही आठ जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया था।