विदेशी बांड मार्केट में मची अफरातफरी, अमेरिका और सीरिया के बीच तनाव और भारत में कोरोना की दूसरी लहर के चलते भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को 10 महीने की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज हुई। बीएसई का सेंसेक्स 1939.32 अंक यानी 3.8 फीसदी गिरकर 49,099.99 पर आ गया। यह 4 मई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। एनएसई का निफ्टी भी 3.76 फीसदी यानी 568.20 अंक गिरावट के साथ 14,529.15 पर आ गया। निफ्टी में 23 मार्च 2020 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है।
बाजार में इस रिकॉर्ड गिरावट के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.3 लाख करोड़ रुपए घट गया। यह 25 फरवरी को 2,06,18,471.67 करोड़ रुपए था, जो आज 2,00,81,095.73 रह गया।
सेंसेक्स के 8 शेयर 5 फीसदी से ज्यादा लुढ़के
आलम यह था कि सेंसेक्स के सभी 30 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। इनमें आठ शेयरों में तो गिरावट 5 फीसदी से ज्यादा थी। सेक्टर के हिसाब से देखें तो बैंक और फाइनेंशियल सेक्टर सबसे ज्यादा पिटे। बैंकिंग इंडेक्स में सबसे ज्यादा 4.8 फीसदी गिरावट रही।
बांड पर यील्ड बढ़ने से शेयरों पर दबाव
ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल के इक्विटी प्रमुख हेमंग जानी ने कहा, दुनियाभर के बांड बाजारों में यील्ड बढ़ने से शेयरों पर दबाव है। निवेशकों के लग रहा है कि यील्ड बढ़ने से ब्याज दरें फिर बढ़ सकती हैं। इससे कंपनियों की भी लागत बढ़ेगी और उनके मुनाफे में गिरावट आएगी।
शेयर बाजारों में 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट, बीएसई की कंपनियों का मार्केट कैप 5.3 लाख करोड़ रुपए घटा
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