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बिहार चुनाव 2025: सीट बंटवारे पर अंतिम दौर, नीतीश बने रहेंगे एनडीए का चेहरा?

बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर तक होने वाले हैं और इस बीच एनडीए (जेडीयू और बीजेपी) में सीट बंटवारे...
बिहार चुनाव 2025: सीट बंटवारे पर अंतिम दौर, नीतीश बने रहेंगे एनडीए का चेहरा?

बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर तक होने वाले हैं और इस बीच एनडीए (जेडीयू और बीजेपी) में सीट बंटवारे को लेकर मंथन लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है। वहीं विपक्षी महागठबंधन (राजद और कांग्रेस) ने भी प्रचार तेज कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की है।

एनडीए में सीट बंटवारा

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू के बीच समीकरण बन रहा है। कुल 243 सीटों में से दोनों बड़ी पार्टियां 100-105 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं।

पिछले चुनाव (2020) में जेडीयू ने 115 सीटों पर लड़ा था और 43 पर जीत मिली थी। वहीं बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा और 74 पर जीत हासिल की थी। स्ट्राइक रेट में बड़ा अंतर होने के बावजूद नीतीश कुमार ही नेतृत्व में बने रहे। इस बार भी जेडीयू 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है।

चिराग पासवान की पार्टी की मांग

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जिनकी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) पिछली बार अकेले मैदान में उतरी थी, अब एनडीए का हिस्सा हैं। लेकिन वह 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, जो मिलना मुश्किल माना जा रहा है।

बाकी सीटों को छोटे दलों के बीच बांटा जाएगा, जैसे कि केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की हम (से), उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा और अगर विपक्षी गठबंधन में शामिल मुकेश सहनी की वीआईपी एनडीए में लौटती है तो समीकरण और बदल सकते हैं।

जेडीयू-एलजेपी फैक्टर

2020 में चिराग पासवान की पार्टी ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल एक सीट जीत पाई थी और वह विधायक भी बाद में जेडीयू में शामिल हो गया। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि एलजेपी ने जेडीयू के करीब 30 सीटों पर नुकसान कराया था, क्योंकि चिराग ने सीधे नीतीश कुमार को निशाना बनाया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के प्रति सम्मानजनक रुख रखा।

अब 2025 में, एलजेपी एनडीए की सीट-बंटवारे की बातचीत का हिस्सा है। एक वरिष्ठ एनडीए नेता ने साफ किया कि जेडीयू, बीजेपी से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने पिछले चुनाव के कमजोर प्रदर्शन की वजह भी एलजेपी की मौजूदगी को बताया।

नेता ने यह भी कहा कि पूरा चुनाव प्रचार नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखने पर केंद्रित है। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि सहयोगियों को समायोजित करने के लिए “छोटी-मोटी एडजस्टमेंट” करनी पड़ सकती है।

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