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डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट जारी, 71.87 के निम्नतम स्तर पर पहुंचा

इस कारोबारी सप्ताह के तीसरे दिन यानी बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट जारी...
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट जारी, 71.87 के निम्नतम स्तर पर पहुंचा

इस कारोबारी सप्ताह के तीसरे दिन यानी बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट जारी है। बुधवार के कारोबार में रुपये ने डॉलर के मुकाबले 71.79 के स्तर छू लिया जोकि अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। दोपहर में भी एक बार फिर गिरावट देखी गई। अब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 71.87 के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया।

वहीं, इससे पहले सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर रुपया डॉलर के मुकाबले 71.72 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। पिछले काफी समय से रुपये की हालत खस्ता चल रही है। लगातार रुपया नीचे गिरता चला जा रहा है।

रुपये की लगातार गिरती कीमत की वजह से बाजार में खलबली मची हुई है। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने रिकार्ड निचले स्तर 71.58 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। मंगलवार को पूरे दिन में रुपये में 36 पैसे कमजोरी आई थी।

रुपये में गिरावट का दौर कुछ ऐसा रहा

 

-    मंगलवार को रुपया 71.58 के स्तर पर बंद हुआ था

 

-    सोमवार को रुपया 71.22 के स्तर पर बंद हुआ था

 

-    पिछले हफ्ते शुक्रवार को रुपया 70.99 के स्तर पर बंद हुआ था

 

-    गुरुवार को रुपया 70.74 के स्तर पर बंद हुआ था

 

-    पिछले हफ्ते इसी दिन यानी बुधवार को रुपया 70.59 के स्तर पर बंद हुआ था

 

-    पिछले हफ्ते मंगलवार को रुपया 70.10 के स्तर पर बंद हुआ था

रुपये मे आ सकती है और गिरावट: एसबीआई रिपोर्ट 

डॉलर के मुकाबले रुपये में और गिरावट आ सकती है, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक घरेलू मुद्रा की कमजोरी को थामने के लिए मौद्रिक समीक्षा में ‘परंपरागत’ तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। एसबीआई की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। 

जानें इससे क्या पड़ सकता है असर

- रुपये में गिरावट की वजह से पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है। भारत अपनी जरूरत का 80% से ज्यादा क्रूड इंपोर्ट करता है। इसके लिए डॉलर में भुगतान करना पड़ता है।

- विदेश घूमना और वहां पढ़ाई करना महंगा हो जाएगा। क्योंकि, करंसी एक्सचेंज के लिए ज्यादा रुपये चुकाने पड़ेंगे।

- एयरलाइंस को हो सकता है नुकसान। उन्हें दूसरे देशों से विमान किराए पर लेने के लिए ज्यादा रकम देनी पड़ेगी।

- आईटी और फार्मा कंपनियों को रुपये की गिरावट से फायदा मिलेगा। क्योंकि, उनका ज्यादातर कारोबार एक्सपोर्ट पर आधारित है।

 

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