चीन में मंदी की आशंका, एशियाई बाजारों में गिरावट और अमेरिकी बाजारों से मिले खराब संकेतों ने घरेलू शेयर बाजार में हाहाकार मचा दिया है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 1,624.51 अंक की गिरावट के साथ 25,741.56 और निफ्टी 490.95 अंक गिरकर 7,809 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1,700 अंक से भी अधिक टूट गया था। सबसे ज्यादा गिरावट रियल्टी, बैंकिंग, मेटल, इन्फ्रा और एनर्जी सेक्टर के शेयरों में दर्ज की गई है।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिले नकारात्मक रुझाानों को मुख्य वजह माना जा रहा है। चीन के शेयर बाजार में आज 8 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। रविवार को ही चीन सरकार ने अपने पेंशन फंड का पैसा बाजार में लगाने का फैसला किया था। सरकार ने 547 अरब डॉलर के पेंशन फंड को स्टॉक मार्केट में लगाने की मंजूरी दी थी। इससे पहले शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भी आई भारी गिरावट देखी गई थी।
बाजार की इस गिरावट को इस बात का संकेत भी माना जा रहा है कि सरकार आर्थिक मोर्चे पर बहुत कामयाब होती नजर नहीं आ रही है। उसके दावों और फैसलों का जमीन पर असर दिखने में समय लग रहा है। आर्थिक सुधारों को लागू करने के मामले में भी उम्मीद के मुताबिक प्रगति नहीं हुई है।
रुपया 66 के पार
निवेशकों को 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
शेयर बाजार के धराशायी होने से निवेशकों को शेयर-संपत्ति में 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रमोटर्स की बाजार हैसियत करीब 4 लाख करोड़ रुपये घट गई है। एफआईआई इस हिसाब से करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये के नुकसान में रहे। जबकि छोटे निवेशकों को करीब 75,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सभी सूचीबद्ध शेयरों के सकल मूल्य के लिहाज से निवेशकों की कुल शेयर संपत्ति शुक्रवार के कारोबार के अंत में 102.33 लाख करोड़ रपये थी, जो अब घटकर 95,28,536 करोड़ रुपये पर आ गई है।