सबसे ज्यादा नुकसान भेल, गेल और ओएनजीसी के शेयरों में देखने को मिला।
दिसंबर के डेरिवेटिव्स अनुबंध की आखिरी तारीख को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने सतर्क रवैया अपनाया जिस वजह से रुपया भी प्रति डॉलर गिरकर 63.50 के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसकी एक और वजह अमेरिकी अर्थव्यवस्था में ठोस सुधार के संकेत मिलना भी बताई जा रही है। आज 30 शेयरों के संवदी सूचकांक में तेल एवं गैस के शेयरों के भाव के कारण गिरावट आई जबकि सेसा स्टरलाइट, टाटा स्टील और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर ऊंचे भाव पर खुले।