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सेंसेक्स में 1,575 अंकों की रिकवरी, फिर भी 581 अंक नीचे बंद

दुनिया के शेयर बाजार कोरोना वायरस के कहर से गुरुवार को भी नहीं निकल सके। भारत में तो सुबह सेंसेक्स 2,155...
सेंसेक्स में 1,575 अंकों की रिकवरी, फिर भी 581 अंक नीचे बंद

दुनिया के शेयर बाजार कोरोना वायरस के कहर से गुरुवार को भी नहीं निकल सके। भारत में तो सुबह सेंसेक्स 2,155 अंकों तक लुढ़क गया था, लेकिन दोपहर में रिकवरी करता हुआ करीब 250 तक ऊपर गया। लेकिन इसके बाद फिर बिकवाली का दबाव बना और दिन के अंत में 581.28 अंक यानी 2.01 फीसदी की गिरावट के साथ 28,288.23 पर बंद हुआ। पूरे दिन में इसमें 2,656.07 अंकों का उतार चढ़ाव रहा। निफ्टी में 205.35 अंक यानी 2.42 फीसदी की गिरावट आई और यह 8,263.45 पर बंद हुआ। सुबह खुलने के थोड़ी ही देर बाद सेंसेक्स 2,155 अंकों की गिरावट के साथ 26,714.46 का निचला स्तर छू गया। वहीं, निफ्टी 636.25 अंकों की गिरावट के साथ 7,832.55 के स्तर पर पहुंच गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 81 पैसे गिरकर 75.07 पर पहुंच गया। हालांकि ब्रेंट क्रूड के दाम 5 फीसदी बढ़कर 26.26 डॉलर प्रति बैरल हो गए।

बजाज फाइनेंस में सबसे ज्यादा 10.24 फीसदी गिरावट

सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 10.24 फीसदी गिरावट बजाज फाइनेंस में आई। इसके बाद एक्सिस बैंक, मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा और ओएनजीसी के शेयर रहे। बढ़त दर्ज करने वाले शेयर थे आईटीसी, भारती एयरटेल, कोटक बैंक और हीरो मोटोकॉर्प।

इस हफ्ते सेंसेक्स 5,800 अंक नीचे आ चुका है

भारतीय शेयर बाजार इस समय तीन साल के निचले स्तर पर चल रहे हैं। दिसंबर 2016 के बाद यह निफ्टी का न्यूनतम स्तर है, जबकि सेंसेक्स 37 महीने के निचले स्तर पर बना हुआ है। इस हफ्ते अब तक सेंसेक्स 5,800 अंक से अधिक टूट चुका है। निफ्टी में 1,500 अंकों से अधिक की गिरावट आई है।

रिलायंस पीछे, टीसीएस बनी सबसे वैलुएबल कंपनी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गुरुवार को करीब आठ फीसदी की गिरावट आई। बीएसई में इसके शेयर 891 रुपये पर पहुंच गए, जो इसका 52 हफ्ते का निचला स्तर है। एनएसई में शेयर 7.87 फीसदी गिरकर 892.20 रुपये तक पहुंच गए। यह भी एक साल में सबसे कम है। बीएसई में शेयर 917.10 रुपये पर बंद हुए। चार कारोबारी दिनों में रिलायंस के शेयर 19.5 फीसदी नीचे आ चुके हैं। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 5.81 लाख करोड़ रुपये रह गया है। टीसीएस अब भारत की सबसे वैलुएबल (मार्केट कैप 6.14 लाख करोड़ रुपये) कंपनी बन गई है।

कोरोना का खौफ दुनिया भर के बाजारों पर

ट्रेडर्स का कहना है कि अमेरिका समेत कई प्रमुख देशों के केंद्रीय बैंकों और सरकारों ने स्टिमुलस पैकेज की घोषणा की है, लेकिन इसका शेयर बाजारों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। कोरोना के कारण मंदी की आशंका बढ़ती जा रही है। दूसरे एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स आठ फीसदी लुढ़क गया। हांग कांग के हैंग सेंग, जापान के निक्केई और चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में भी गिरावट का ही रुख रहा।

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