सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इस घोषणा के बाद वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर यानी व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। वॉल स्ट्रीट और जापान, सिंगापुर, चीन जैसे प्रमुख एशियाई बाजारों में गिरावट के बाद भारतीय बाजारों ने भी दिन की शुरुआत भारी नुकसान के साथ की।
शेयर बाजार में हाहाकार
सोमवार को मार्केट खुलते ही सेंसेक्स 3,939.68 अंकों की भारी गिरावट के साथ 71,425.01 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 1,160.8 अंक टूटकर 21,743.65 पर आ गया। यह कोरोना महामारी के बाद की अब तक की सबसे बड़ी शुरुआती गिरावट है।
आईटी और मेटल सेक्टर में सबसे ज्यादा नुकसान
आईटी कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा गिरे, क्योंकि इनकी आमदनी का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। टाटा स्टील के शेयर 8% से ज्यादा टूटे, टाटा मोटर्स में 7% से अधिक की गिरावट आई। इसके अलावा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, एलएंडटी, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे दिग्गज शेयर भी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए।
ट्रेड वॉर की आहट और मंदी की चिंता
ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों ने भी जवाबी कदम उठाने की घोषणा की है। चीन ने 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी आयातों पर 34% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। जापान और चीन के बाजारों में क्रमशः 10% और 8% की गिरावट आई है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड विकास जैन ने कहा, "इस व्यापार युद्ध के तेज़ होने से वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ गई है, जो सभी देशों को प्रभावित कर सकती है।"
मुनाफा घटाएंगी कंपनियां, महंगाई बढ़ेगी
टैरिफ बढ़ने से महंगाई और इनपुट कॉस्ट में इजाफा होगा, जिससे कंपनियों की मुनाफे की क्षमता पर असर पड़ेगा। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों के अनुसार, इस तिमाही में कंपनियां मुनाफे के अनुमान को घटा सकती हैं और कई कंपनियां पूरे साल के लिए कोई गाइडेंस नहीं देंगी। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि नए टैरिफ "अपेक्षा से अधिक बड़े" हैं और इसका असर महंगाई और आर्थिक वृद्धि दोनों पर पड़ेगा।
तेल और कमोडिटी कीमतों में भी गिरावट
तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों में भी भारी गिरावट देखने को मिली। नैस्डैक इंडेक्स आधिकारिक रूप से ‘बेयर मार्केट’ में प्रवेश कर गया है।