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यस बैंक मामले में अनिल अंबानी, सुभाष चंद्रा, नरेश गोयल सहित कई उद्योगपतियों से ईडी करेगा पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के प्रवर्तक राणा कपूर और अन्य के खिलाफ दायर मनी लांड्रिंग मामले की...
यस बैंक मामले में अनिल अंबानी, सुभाष चंद्रा, नरेश गोयल सहित कई उद्योगपतियों से ईडी करेगा पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के प्रवर्तक राणा कपूर और अन्य के खिलाफ दायर मनी लांड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में एस्सेल समूह के प्रवर्तक सुभाष चंद्रा, जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और इंडिया बुल्स के चेयरमैन समीर गहलोत समेत कुछ अन्य शीर्ष उद्योगपतियों को इस सप्ताह तलब किया है।

अधिकारियों ने सोमवार (16 मार्च) को कहा कि डीएचएफएल के मुख्य प्रबंध निदेशक कपिल वाधवान के अलावा रिलायंस अनिल धीरूभाई समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को भी 19 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई के बल्लार्ड एस्टेट स्थित दफ्तर में पूछताछ के लिए उपस्थिति होने को कहा गया है। वाधवान को हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

मोदी के करीबी माने जाते हैं सुभाष चंद्रा

एस्सेल समूह के प्रवर्तक सुभाष चंद्रा को भी ईडी ने समन जारी किया है। सुभाष चंद्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। वे जी समूह के संस्थापक और मालिक भी हैं।

लोन लेकर उन्हें चुकाने में नाकाम रहीं ये कंपनियां

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि अनिल अंबानी ग्रुप, एस्सेल ग्रुप, डीएचएफएल, आईएलएफएस और वोडाफोन उन घाटे वाली कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने यस बैंक से कर्ज लिया था। अधिकारियों ने बताया कि यस बैंक से बड़े लोन लेकर उन्हें चुकाने में नाकाम रहने वाली कंपनियों के प्रमोटर्स को इस मामले में समन दिया जा रहा है।

बता दें कि संकटग्रस्त यस बैंक ने दिसंबर, 2019 में समाप्त हुई तिमाही में उसे 18,564 करोड़ रुपये का घाटा होने की शनिवार को जानकारी दी। निजी क्षेत्र के इस बैंक का संचालन फिलहाल भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश पर प्रशांत कुमार कर रहे हैं। बैंक ने पिछले साल इसी अवधि में 1,000 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था और सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में 629 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

यस बैंक की गैर-निस्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) दिसंबर तिमाही में 18.87 प्रतिशत हो गई हैं जो पिछली तिमाही (सितंबर) में 7.39 प्रतिशत थीं। साथ ही बैंक के पास अनिवार्य रूप से रखी जाने वाली नकदी में भी गिरावट आई है। 

क्या है यस बैंक मामला

बता दें कि यस बैंक ने कई बड़ी कंपनियों को बेतरतीब लोन बांटे, जिसके कारण उसका एनपीए और बैड लोन बढ़ गया। इसी को देखते हुए आरबीआई की सिफारिश पर भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध के बाद बैंक का कोई भी खाताधारक अपने अकाउंट से 50 हजार रुपये से अधिक रकम नहीं निकाल सकता। यस बैंक के प्रोमोटर राणा कपूर ईडी की हिरासत में हैं। कपूर पर देवन हाउसिंग फायनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड से संबधित मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश में शामिल होने का आरोप है।

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