मखमली आवाज के धनी सुरेश वाडेकर का आज जन्मदिन है। सुरेश वाडेकर ने पिछले कई दशकों से अपनी आवाज से हिंदी फिल्म संगीत के दर्शकों का मनोरंजन किया है। आज सुरेश वाडेकर के जन्मदिन के अवसर पर उनके 5 बेहतरीन गीत हम आपके लिए लेकर आए हैं।
सीने में जलन आंखों में तूफान सा क्यों है ( गमन 1978)
निर्देशक मुजफ्फर अली की फिल्म "गमन" में सुरेश वाडेकर ने शायर शहरयार की लिखी और संगीतकार जयदेव की धुन में पिरोई गजल गाकर अपनी पहचान बनाई। "सीने में जलन आंखों में तूफान सा क्यों है" हिन्दी सिनेमा की मशहूर गजल मानी जाती है।
गजल का लिंक :
ए जिन्दगी गले लगा ले ( सदमा 1983)
निर्देशक बालू महेंद्र की फिल्म "सदमा" हिन्दी सिनेमा की सफल फिल्म मानी जाती है। गीतकार गुलजार का लिखा और संगीतकार इल्ल्याराजा के संगीत से सजा गीत "ए जिन्दगी गले लगा ले" सुरेश वाडेकर की बेहतरीन गायन शैली का एक नूमना है। गीत बहुत लोकप्रिय हुआ और इसका नया वर्जन अरिजित सिंह ने फिल्म "डियर जिन्दगी" के लिए गया।
मेरी किस्मत में तू नहीं शायद ( प्रेम रोग 1982)
सुरेश वाडेकर को पहली बार राज कपूर के लिए गाने का मौका फिल्म "प्रेम रोग" से मिला। फिल्म में वह ऋषि कपूर की आवाज़ बने। शायर अमीर कजलबाश का लिखा और संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की धुन से सजा गीत " मेरी किस्मत में तू नहीं शायद" करोड़ों प्रेमियों के दिल की आवाज बना।
तुमसे मिलके ऐसा लगा तुमसे मिलके ( परिंदा 1989)
विधु विनोद चोपड़ा की हिट फिल्म "परिंदा" में सुरेश वाडेकर ने एक ऐसा गीत गाया, जो उनकी पहचान बन गया। इस गीत को सुरेश वाडेकर के सबसे लोकप्रिय गीतों में शामिल किया जाता है। गीतकार खुर्शीद हल्लौरी का लिखा और संगीतकार राहुल देव बर्मन के संगीत से सजा गीत " तुमसे मिलके ऐसा लगा तुमसे मिलके" हिंदी सिनेमा के सफल प्रेम गीतों में शामिल किया जाता है। सुरेश वाडेकर की मखमली आवाज ने इस गीत को अमर बना दिया।
गीत का लिंक :
सपने में मिलती है ( सत्या 1998)
रामगोपाल वर्मा की कामयाब फिल्म "सत्या" में सुरेश वाडेकर ने एक गीत गाया, जो बेहद लोकप्रिय हुआ और फिल्म की कामयाबी के लिए भी जिम्मेदार रहा। "सपने में मिलती है" गीत सुरेश वाडेकर के डांसिंग नंबर गीतों में शामिल सबसे सुंदर गीत है। गीतकार गुलजार का लिखा और विशाल भारद्वाज के संगीत से सजा यह गीत अंडरवर्ल्ड फिल्मों का सबसे लोकप्रिय गीत माना जाता है।
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