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बाहुबली के निर्देशक एसएस राजमौली के असिस्टेंट अश्विन गंगाराजू की फिल्म ' 1770' का मोशन पोस्टर हुआ लॉन्च

साउथ इंडियन फिल्मों का दबदबा कायम है। पुष्पा,RRR, केजीएफ की अभूतपूर्व सफलता के बाद सभी की निगाहें दक्षिण...
बाहुबली के निर्देशक एसएस राजमौली के असिस्टेंट अश्विन गंगाराजू की फिल्म ' 1770' का मोशन पोस्टर हुआ लॉन्च

साउथ इंडियन फिल्मों का दबदबा कायम है। पुष्पा,RRR, केजीएफ की अभूतपूर्व सफलता के बाद सभी की निगाहें दक्षिण भारतीय फिल्मों पर टिकी हुई हैं। साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री से एक खबर आ रही है, जिसने दर्शकों को रोमांचित कर दिया है। बाहुबली के निर्देशक एसएस राजमौली के असिस्टेंट अश्विन गंगाराजू की फिल्म '1770' का मोशन पोस्टर लॉन्च कर दिया गया है। यह फिल्म बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास 'आनंदमठ' पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन अश्विन गंगाराजू करेंगे जबकि फिल्म के निर्माता शैलेन्द्र कुमार, सुजय कुट्टी, कृष्णा कुमार बी और सूरज शर्मा होंगे। फिल्म एसएस 1 और पीके एंटरटेनमेंट के साझा प्रयास से बनाई जाएगी।

 

 

 

यह फिल्म वन्दे मातरम के 150 साल पूरे होने पर बनाईं जा रही है।फिल्म के मोशन पोस्टर लॉन्च के अवसर पर सूचना दी गई कि इस फिल्म को हिंदी के अलावा, तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली भाषा में भी रिलीज किया जाएगा।फिल्म के कलाकारों के नाम दशहरे से पहले तय हो जाएंगे, वहीं दिवाली तक फिल्म के कलाकारों की घोषणा कर दी जाएगी। फिल्म का कॉन्सेप्ट राम कमल मुखर्जी का है। फिल्म का स्क्रीनप्ले वी विजयेंद्र प्रसाद ने लिखा है। 

 

 

मोशन पोस्टर :

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फिल्म के निर्देशक अश्विन गंगाराजू ने कहा " मुझे लार्जर दैन लाइफ फिल्में बनाना पसंद है, जब मैंने 1770 के विचार पर राम कमल मुखर्जी से बात की तो मुझे विश्वास आया। फिर निर्माताओं से मुलाकात करने के बाद जो उनमें जो विजन, ऊर्जा, उत्साह मुझे दिखाई दिया, उसने मुझे फिल्म बनाने की प्रेरणा दी"। अश्विन एसएस राजमौली की फिल्म "ईगा" और " बाहुबली" में बतौर असिस्टेंट काम कर चुके हैं। इसके साथ ही उनकी फिल्म "आकाशवाणी " भी लोगों को पसन्द आई थी। 

 

फिल्म के स्क्रीनप्ले को लिखने वाले वी विजयेंद्र प्रसाद ने कहा "बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने जिस सोच और संकल्प से आनंदमठ लिखा, उस सोच ने ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला दी थी। आज इस फिल्म के माध्यम से हम उन महान सेनानियों को याद करेंगे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिनके योगदान को रेखांकित नहीं किया जा सका "।

 

 

कॉन्सेप्ट को सोचने वाले राम कमल मुखर्जी ने कहा कि निर्माताओं और निर्देशक की सोच, ऊर्जा ने उनका मनोबल बढ़ाया। उन्हें विश्वास हो गया कि फिल्म को उसी तरह बनाया जाएगा, जैसी उन्होंने कल्पना की है। राम कमल मुखर्जी ने लेखक वी विजयेंद्र प्रसाद की तारीफ करते हुए कहा कि विजयेंद्र प्रसाद के शब्दों में वह जादू होता है, जो सभी भाषाई दूरियों को भर देता है "।

 

फिल्म के निर्माताओं में उत्साह है। शैलेन्द्र कुमार, सुजय कुट्टी, कृष्णा कुमार बी और सूरज शर्मा का मानना है कि फिल्म की टीम शानदार ऊर्जा से भरी हुई। सभी के भीतर वंदे मातरम को लेकर भावनाएं जुड़ी हुई हैं। यह जायज मौका है कि वंदे मातरम की 150 वीं जयंती के अवसर पर हम इस फिल्म को बनाने जा रहे हैं। निर्माताओं ने बताया कि फिल्म को हिंदी के अलावा, तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली भाषा में भी रिलीज किया जाएगा।फिल्म के कलाकारों के नाम दशहरे से पहले तय हो जाएंगे, वहीं दिवाली तक फिल्म के कलाकारों की घोषणा कर दी जाएगी। 

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