अमाल मलिक आज एक चर्चित संगीतकार हैं।जय हो, बागी, एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी उनकी कामयाब एल्बम हैं। अमाल मलिक के पिताजी डब्बू मलिक और चाचा अन्नू मलिक कामयाब संगीतकार रहे हैं।अमाल मलिक के दादा सरदार मलिक भी गुणी संगीतकार थे।
अमाल मलिक की फिल्मी यात्रा भी दिलचस्प रही है।अमाल मलिक ने बहुत कम उम्र में तय किया कि वह फ़िल्म संगीतकार बनेंगे। उन्हें काम मिला लेकिन उससे ऐसी पहचान नहीं मिली कि उनको लगातार काम मिले।लेकिन अमाल मलिक में कुछ कर गुजरने का जुनून था। इसी जुनून के साथ वह टी सीरीज के ऑफिस पहुंच गए।ऑफिस पहुंच तो गए मगर उन्हें किसी ने ऑफिस में घुसने नहीं दिया गया।
कई दिन बीते लेकिन काम बना नहीं। तब तक अमाल मलिक ने टी सीरीज के मालिक भूषण कुमार की शक्ल पहचान ली थी। उन्होंने तय कर लिया था कि भूषण कुमार जहां भी मिलेंगे, वह उनको पकड़कर गाना सुना देंगे।
इसी इंतज़ार में एक रोज़ अमाल मलिक को मौक़ा मिल गया। अमाल मलिक भूषण कुमार का इंतज़ार कर रहे थे कि भूषण कुमार लिफ्ट में घुसते हुए दिखाई दिए। अमाल दौड़कर लिफ्ट में पहुंचे और उन्होंने आठवें माले का बटन दबा दिया। इससे पहले भूषण कुमार कुछ समझ पाते अमाल ने कहा कि वह संगीतकार हैं और भूषण कुमार को एक बार गाना सुनाना चाहते हैं। भूषण कुमार ने साफ़ ज़ाहिर किया कि उनका मन नहीं है गाना सुनने का।लेकिन इस बात से बेपरवाह अमाल मलिक ने भूषण कुमार को पांच गाने सुना दिए।
लिफ्ट से बाहर निकलते हुए भूषण कुमार ने अमाल मलिक से कहा कि उन्हें गाने अच्छे लगे लेकिन फ़िलहाल तो उन्हें पार्टी सॉन्ग, बीच सॉन्ग की जरूरत है।अमाल मलिक नीचे आ गए।तभी अमाल मलिक को कुछ याद आया और वह सीढ़ियों के रास्ते भूषण कुमार के पास पहुंचे।
भूषण कुमार अमाल मलिक को देखकर चौंक गए।अमाल मलिक ने भूषण कुमार से कहा कि उनके पास बीच सॉन्ग है।अमाल मलिक ने गाना सुनाया और सॉन्ग सेलेक्ट हो गया। वह गीत जिससे सही मायने में अमाल मलिक की पहचान बनी उसके बोल थे " सूरज डूबा है यारो, दो घूंट नशे के मारो "।इस तरह अमाल मलिक की यात्रा परवान चढ़ी।