बिहार का युवा अभिनेता पोलिश अभिनेत्री के साथ अपनी पहली फिल्म के साथ धूम मचा रहा है, जिसने फिल्म इंडस्ट्री को अपनी ओर खींच लिया है। ध्रुव वर्मा पहली बार इंडो-पोलिश प्रोडक्शन, ‘नो मीन्स नो’ के साथ बॉलीवुड में कदम रख रहे हैं, जो 5 नवंबर को रिलीज होने जा रही है। हाई-ऑक्टेन एक्शन दृश्यों के साथ यह फिल्म पर्दे पर युवा प्रेम कहानी को प्रदर्शित करती है। फिल्म को पोलैंड के कई जगहों पर शूट किया गया है।
इस फिल्म में 24 वर्षीय अभिनेता ने एक भारतीय खिलाड़ी की भूमिका निभाई है, जो पोलैंड जाता है और एक स्कीइंग प्रतियोगिता में भाग लेता है। इसी दौरान पोलिश लड़की से प्यार हो जाता है। इसमें पोलिश लड़की का किरदार नतालिया बाक ने निभाई है। फिल्म को हिंदी, अंग्रेजी और पोलिश में एक साथ शूट किया गया है। इसके ट्रेलर ने संजय दत्त, शाहरुख खान और प्रीति जिंटा समेत फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े बड़े दिग्गजों को प्रभावित किया है।
अपने बेटे ध्रुव वर्मा को अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म के साथ लॉन्च कर रहे निर्देशक विकाश वर्मा कहते हैं, "नो मीन्स नो बॉलीवुड की सामान्य प्रेम कहानी नहीं है, जिसमें बर्फ से ढके पहाड़ों या यूरोप के ट्यूलिप गार्डन में गाने और नृत्य किए जाते हैं।" "यह एक रोमांटिक थ्रिलर है जो स्कीइंग जैसे साहसिक खेल की पृष्ठभूमि पर आधारित है, लेकिन यह महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को भी जबरदस्त तरीके से दिखाती है।"
फिल्म में एक तरफ अनुभवी गुलशन ग्रोवर, शरद कपूर, दीप राज राणा और कैट क्रिस्टियन जैसे इंडियन एक्टर हैं। वहीं, दूसरी तरफ अन्ना गुज़िक सहित पोलिश सितारों की एक श्रृंखला है, जिसे ग्रोवर ने 'पोलैंड की मेरिल स्ट्रीप' कहा है।
विकाश का कहना है कि यूरोप में कई स्थानों पर कई भारतीय फिल्मों की शूटिंग की गई है, लेकिन ‘नो मीन्स नो’ पोलैंड जैसे लुभावने खूबसूरत देश की खोज करने वाली पहली फिल्म है। वो कहते हैं, "मुझे यकीन है कि फिल्म के आश्चर्यजनक दृश्य न केवल कई भारतीय फिल्म निर्माताओं को भविष्य में वहां शूट करने के लिए प्रेरित करेंगे बल्कि दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।"
बिहार में जन्मे फिल्म निर्माता का कहना है कि उनकी पूरी यूनिट ने फिल्म की शूटिंग के लिए -31 डिग्री तापमान में काम किया है। वो कहते हैं, “गुलशन ग्रोवर फिल्म की शूटिंग के लिए लॉस एंजिल्स से पोलैंड आए थे। अपने करियर की सबसे दिलचस्प भूमिकाओं में से वो एक किरदार निभा रहे हैं।"
फिल्म पहले इस साल मार्च में रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे टालना पड़ा था। कई हाई-प्रोफाइल भारतीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की जरूरतों को पूरा करने वाली एक बेहद सफल सुरक्षा एजेंसी चला रहे विकाश कहते हैं, "मैं इसे सीधे ओटीटी पर रिलीज नहीं करना चाहता था क्योंकि यह बड़े पर्दे पर परिवारों के साथ आनंदित होने वाली फिल्म है।"
विकाश को उम्मीद है कि उनकी फिल्म भारत-पोलिश सांस्कृतिक संबंधों को उसी तरह बढ़ावा देने में मदद करेगी, जिस तरह राज कपूर की फिल्मों ने पहले भारत-रूस संबंधों के लिए किया था। वो कहते हैं, "पोलैंड के बारे में कई पहलू हैं जो आमतौर पर भारत में नहीं जाना जाता है। जब मैं पोलैंड गया, तो मुझे नवानगर के महाराजा जाम साहिब दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा के बारे में पता चला, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लगभग 1,000 पोलिश बच्चों को आश्रय दिया था।"
अब विकाश अब पोलिश बच्चों को युद्ध की भयावहता से बचाने के लिए उनके वीर और मानवीय कृत्य को उजागर करने के लिए भारतीय राजा पर एक फिल्म, ‘द गुड महाराजा’ बनाने की तैयारी है। ये फिर से एक महत्वपूर्ण भूमिका में ध्रुव वर्मा को अभिनीत करेगा।
विकाश कहते हैं, "मैं शुरू में द गुड महाराजा बनाना चाहता था, लेकिन यह इतना बड़ा प्रोजेक्ट था कि मैंने इसे लॉन्च करने से पहले एक छोटी फिल्म बनाने के बारे में सोचा। यह पूरी तरह से एक अलग मामला है कि ‘नो मीन्स नो’ अंततः अपने आप में एक असाधारण खेल बन गया। लेकिन, यह फिल्म पोलिश सरकार और लोगों के दिल से समर्थन के बिना संभव नहीं हो पाती। मैं उनका ऋणी हूं।"