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'दिल से' ने पूरे किए 24 साल, शाहरुख - मनीषा ने किया था यादगार काम

निर्देशक मणि रत्नम की फिल्म "दिल से" ने 24 साल पूरे कर लिए हैं। इस फिल्म को हिन्दी सिनेमा की यादगार फिल्म...
'दिल से' ने पूरे किए 24 साल, शाहरुख - मनीषा ने किया था यादगार  काम

निर्देशक मणि रत्नम की फिल्म "दिल से" ने 24 साल पूरे कर लिए हैं। इस फिल्म को हिन्दी सिनेमा की यादगार फिल्म माना जाता है। फिल्म 21 अगस्त सन 1998 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। 

 

 

मणि रत्नम की पहली हिन्दी फिल्म

 

नब्बे के दशक के अंत में भारतीय सिनेमा के मशहूर फ़िल्ममेकर मणि रत्नम अपनी पहली हिन्दी फिल्म बनाने जा रहे थे। इससे पहले मणि रत्नम ने दो फ़िल्में रोजा (1992) और बॉम्बे (1995) तमिल भाषा में बनाई थी, जिसके हिंदी वर्जन को भी रिलीज किया गया था। दर्शकों ने इन फिल्मों को बहुत पसंद किया गया था। इसी से प्रेरणा लेकर मणि रत्नम ने पहली बार हिन्दी भाषा में फिल्म बनाने का निर्णय लिया।इस फिल्म की कहानी की प्रेरणा मणि रत्नम को एक सूफ़ी गीत "थय्या थय्या" से मिली,जिसमें दो प्रेमी आपस में भक्त और भगवान का रिश्ता साझा करते हैं।मणि रत्नम इस गीत से बेहद मुतासिर हुए और उन्होंने इस थीम पर एक प्रेम कहानी बनाने का निर्णय लिया। फिल्म में इश्क के सात मुकाम दिखाए गए। दिलकशी, उन्स, मोहब्बत, अकीदत,इबादत,जुनून और मौत। 

 

 

 

तिग्मांशु धूलिया ने लिखी फिल्म

 

 

यह मणि रत्नम की पहली हिन्दी फिल्म थी। उन्हें हिंदी भाषा का ज्ञान नहीं था। मणि रत्नम ने फिल्म लिखने की जिम्मेदारी तिग्मांशु धूलिया को दी। तिग्मांशु धूलिया शेखर कपूर की बैंडिट क्वीन में काम कर चुके थे। उन्हें हिंदी भाषा का ज्ञान था। इस कारण वह फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने के लिए उपयुक्त व्यक्ति थे। मणि रत्नम की इस कहानी को पहले लेखिका सुजाता ने तमिल भाषा में लिखा। फिर इसका अंग्रेजी अनुवाद हुआ और अंत में तिग्मांशु धूलिया ने फिल्म के संवाद हिन्दी में लिखे। इस तरह यह फिल्म लिखी गई। पहले इस फिल्म का नाम " लद्दाख - एक प्रेम कहानी" होना था। मगर फिर टाइटल को छोटा रखने के लिए फिल्म का नाम "दिल से" रखा गया। 

 

 

 

मणि रत्नम, शेखर कपूर, रामगोपाल वर्मा ने किया निर्माण

 

 

फिल्म "दिल से" के निर्माण के लिए भारतीय सिनेमा के तीन काबिल निर्देशक एक साथ आए। इस फिल्म को मणि रत्नम, शेखर कपूर, रामगोपाल वर्मा ने प्रोड्यूस किया। अफसोस की बात यह रही कि "दिल से" इन तीनों निर्देशकों का पहला और अंतिम साझा प्रोजेक्ट रही। तीनों ने फिर कभी एक साथ किसी फिल्म को प्रोड्यूस नहीं किया। 

 

 

 

नॉर्थ ईस्ट के मुद्दे को दिखाया गया

 

हिन्दी सिनेमा के 100 साल के इतिहास में गिनी चुनी फिल्में ही हैं जो नॉर्थ ईस्ट भारत की बात करती है। "दिल से" का आधार नॉर्थ ईस्ट की कहानी है। फिल्म में नॉर्थ ईस्ट प्रदेश की लड़की के साथ सिस्टम द्वारा किए गए अत्याचार और फिर उसके विरोध में लड़की द्वारा उठाए गए कदम को दिखाया गया है। नॉर्थ ईस्ट प्रदेशों में भारतीय सेना की कार्रवाई और उससे जनता के साथ उपजे टकराव को भी दिखाने की कोशिश की गई है। यह फिल्म एक तरह से भारत का भ्रमण करती है, जहां मुख्य अभिनेता दिल्ली का है, अभिनेत्री असम की है और सहायक अभिनेत्री केरल की है। 

 

 

 

शानदार गीत और संगीत

 

मणि रत्नम ने फिल्म के संगीत निर्देशन का काम ए आर रहमान को सौंपा। रहमान ने बॉम्बे और रोजा में मणि रत्नम के साथ जादू रचा था। हिन्दी वर्जन के गीत गुलजार ने लिखे। संगीत निमार्ण के दौरान का एक किस्सा है। फ़िल्म के एक गीत "जिया जले" के निर्माण के वक़्त ए.आर रहमान ने इस गीत में ऊंचे स्वर रखे थे।जब इस गीत को गाने के लिए लता मंगेशकर माइक पर आईं तो अपनी बढ़ती उम्र के चलते उन्हें ऊंचे स्वर में गाने से कुछ तकलीफ़ महसूस हुई।जब ये बात रहमान को महसूस हुई तो उन्होंने फ़ौरन गीत में कुछ बदलाव किए।यह रहमान की कलाकारी ही थी कि इस बदलाव के बाद भी यह गीत बेहद ख़ूबसूरती से रिकॉर्ड हुआ और इसने ख़ूब लोकप्रियता पाई। एक और रोचक बात, जो फिल्म के गीत संगीत से जुड़ी है कि फिल्म के गीत "ए अजनबी तू भी कभी" में एक शब्द आता है "जानशीं" आता है। तिग्मांशु धूलिया इस गीत से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी बेटी के जन्म पर उसका नाम जानशीं रख दिया। 

 

 

 

 

मनीषा कोइराला और शाहरुख खान का बेहतरीन अभिनय

 

 

मणि रत्नम ने मुख्य किरदार अमरकांत वर्मा के लिए शाहरुख खान को कास्ट किया। फ़िल्म की मुख्य नायिका मेघना के किरदार के लिए, अभिनेत्री काजोल को साइन किया जाना था मगर किन्हीं कारणों से यह संभव नहीं हुआ। तब यह रोल मनीषा कोइराला ने निभाया। अन्य मुख्य किरदार प्रीति नायर के लिए मणिरत्नम की पहली पसंद अभिनेत्री सिमरन बग्गा थीं।मगर कुछ वजहों से सिमरन फिल्म का हिस्सा नहीं बन सकीं। इस रोल को फिल्म में प्रीति जिंटा ने निभाया। प्रीति जिंटा के फिल्म से जुड़ने का भी एक किस्सा है। प्रीति ज़िंटा को इस फ़िल्म के लिए शेखर कपूर ने मणिरत्नम को रेफ़र किया था। सन 1997 में प्रीति ज़िंटा, अपनी एक दोस्त के साथ शेखर कपूर की फ़िल्म के लिए ऑडिशन देने पहुँची।हालांकि ऑडिशन प्रीति की दोस्त को देना था। प्रीति सिर्फ दोस्त का साथ देने वहां आई थीं। मगर जब शेखर कपूर ने प्रीति जिंटा को देखा तो उन्हें ऐसा लगा कि प्रीति को भी ऑडिशन देना चाहिए। प्रीति ने ऑडिशन दिया और उनकी प्रतिभा शेखर कपूर को नजर आई। जब शेखर कपूर ने मणि रत्नम और राम गोपाल वर्मा के साथ "दिल से" बनानी शुरू की तो उन्हें प्रीति जिंटा का ख्याल आया और उन्होंने प्रीति नायर के किरदार के लिए प्रीति जिंटा का नाम मणि रत्नम को रेफर किया। अन्य मुख्य भूमिकाओं को निभाने के लिए अभिनेत्री ज़ोहरा सहगल,मीता वशिष्ठ और एक्टर संजय मिश्रा,पीयूष मिश्रा को साइन किया गया।

 

 

 

 

नीलगिरी एक्सप्रेस पर शूट हुआ गाना 

 

मणि रत्नम फ़िल्म में एक ऐसा गीत चाहते थे, जो रेलगाड़ी की खुली छत पर फ़िल्माया जाए।इसमें डांस करने के लिए उन्होंने मॉडल अचला सचदेव को एप्रोच किया मगर डेट्स की कमी के चलते अचला ने मणिरत्नम का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। मणिरत्नम ने अभिनेत्री शिल्पा शिरोडकर को भी डांस के लिए शामिल करना चाहा मगर इस चुनाव से भी वह संतुष्ट नहीं थे। अंत में उन्होंने मलाइका अरोड़ा को डांस के लिए साइन किया। गीत "छैया छैया" को शूट करने के लिए नीलगिरी एक्सप्रेस ट्रेन को ख़ास भूरे रंग से रंगा गया। यह गीत सुपरहिट साबित हुआ। 

 

 

 

आजादी के 50वें वर्ष की परेड के दृश्य शामिल किए गए 

 

फ़िल्म को हिमाचल प्रदेश,केरल,नई दिल्ली,लेह में शूट किया गया।इसके साथ की कुछ सीन लेह में होने वाले सिन्धु दर्शन समारोह के दौरान भी शूट किए गये।इसके साथ ही कुछ दृश्यों को भारत के 50वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित समारोह के दौरान भी फ़िल्माया गया।

 

 

 

फिल्म क्लासिक का दर्जा पाने में कामयाब रही

 

फिल्म 21 अगस्त सन 1998 को रिलीज हुई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरूआत की लेकिन दुनिया भर में देखे जाने के बाद फिल्म की खूब प्रशंसा हुई। फिल्म के सब्जेक्ट को खूब सराहा गया। इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर फिल्म बनाना हिम्मत का काम था। फिल्म को 2 नेशनल अवॉर्ड और 6 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले। समय के साथ "दिल से" क्लासिक का दर्जा पाने में सफल रही है। 

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