पांचवी इंडियन स्क्रीनराइटर्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन मुंबई के सेंट एंड्रयूज ऑडिटोरियम में किया गया। तीन दिनों तक चलने वाली इस कॉन्फ्रेंस की थीम 'वेयर माइंड इज विद्आउट फियर' रखी गई थी। इसमें आमिर खान मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे और खासतौर पर पटकथा लेखकों को पेश आ रही चुनौतियों पर चर्चा की गई। साथ ही फिल्मों में पटकथा की अहमियत को रेखांकित करते हुए लेखकों को आ रही दिक्कतों और चुनौतियों पर बात की गई।
इस चर्चा में शामिल आमिर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि किसी भी फिल्म का आधार उसकी पटकथा ही होती है। यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए फिल्म करते समय सबसे पहले पटकथा पर फोकस होना चाहिए। उन्होंने अपनी बात करते हुए कहा कि हम सबसे पहले निर्देशक फिर राइटर और आखिर में निर्माता के तौर पर खुद अपना नाम शामिल करते है। जब किसी लेखक का विकास होता है तब ही फिल्म इंडस्ट्री का भी विकास होता है और मैं इस बात पर बिल्कुल यकीन नहीं करता हूं कि हर फिल्म तीन सौ करोड़ की ही कमाई करे। यह किसी फिल्म के बेहतर होने का प्रमाण नहीं है कि जिस फिल्म ने तीन सौ करोड़ से ऊपर की कमाई नहीं की है, वह अच्छी नहीं है। उन्होंने फिल्म ‘तलाश’ का उदाहरण देते हुए कहा कि इस फिल्म ने करीब 95 करोड़ की कमाई कर ली थी, लेकिन लोगों को लगा कि फिल्म सौ करोड़ की कमाई नहीं कर पाई है इसलिए यह असफल है, जबकि हम फायदे में थे। दरअसल, फिल्म एक सामूहिक आर्ट है। यह किसी एक की मेहनत से नहीं बनती। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लेखक जो कहानी लेकर आते हैं, उसे सबसे बेहतर मान लेते हैं और उन्हें उसमें खामियां नजर नहीं आतीं। हालांकि यह भी सच है कि आज भी इंडस्ट्री में कम ही लोगों को अच्छी पटकथा की पहचान है। इस मौके पर शबाना आजमी भी मौजूद रहीं, वहीं सिद्धार्थ रॉय कपूर, अक्षत वर्मा आदि ने भी इस चर्चा में भाग लिया।