काजोल हिंदी सिनेमा के आधुनिक दौर की सफल अभिनेत्री रही हैं। अपने फिल्मी करियर में उन्होंने ऐसी कई फिल्में की हैं, जो मील का पत्थर साबित हुईं। आज जब काजोल अपने जन्मदिन के अवसर पर जीवन के 48वें वर्ष में प्रवेश करने जा रही हैं, हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी 5 दमदार फिल्मों के बारे में, जिन्हें आपको ज़रूर देखना चाहिए।
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ( 1995)
निर्देशक आदित्य चोपड़ा की इस फिल्म में काजोल ने सिमरन का किरदार निभाया और हिंदी सिनेमा के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे हिन्दी सिनेमा के इतिहास की सबसे लोकप्रिय फिल्म बनी। काजोल ने एक ऐसी लड़की का किरदार निभाया, जिसके लिए सपने भी ज़रूरी हैं और परिवारिक मूल्य भी। शाहरुख खान के साथ काजोल की जोड़ी खूब पसंद की गई।
गुप्त (1997)
गुप्त में काजोल ने ईशा दीवान का किरदार निभाया। ईशा दीवान के किरदार में काजोल ने एक लड़की को जिया, जो प्यार में जुनून की सभी हदें पार कर जाती है। प्यार का ऐसा असर होता है कि वह अपने प्रेमी की हत्या करने तक को तैयार हो जाती है। काजोल ने बेहद प्रभावी ढंग से यह किरदार निभाया, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
दुश्मन (1998)
दुश्मन में काजोल ने सोनिया और नैना नामक जुड़वा बहनों का किरदार निभाया। दोनों बहने एक दूसरे से बिल्कुल अलग थीं। एक तेज तर्रार तो दूसरी शांत और शर्मीली। अपनी बहन सोनिया की निर्मम हत्या के बाद नैना बहन के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए संघर्ष करती है। जुड़वा बहनों के किरदार में काजोल के अभिनय की रेंज नजर आई है।
फना (2006 )
निर्देशक कुणाल कोहली की फ़िल्म फना में काजोल ने एक ऐसी कश्मीरी लड़की का किरदार निभाया जो देख नहीं सकती है। इस लड़की को कला, संगीत, शब्दों से गहरा लगाव है। यह प्रेम में पड़ती है तो समर्पित हो जाती है। लेकिन इसके बावजूद इसके लिए राष्ट्रप्रेम सर्वोपरि है। जब उसे पता चलता है कि उसका प्रेमी एक आतंकी है तो वह उसे गोली मारने से भी नहीं हिचकती। फना में काजोल के सशक्त अभिनय को पसंद किया गया। आमिर खान के साथ उनकी जोड़ी सुंदर लगी।
माय नेम इज खान (2010)
अमरीका में हुए 9/11 हमलों के बाद मुस्लिमों को लेकर पैदा हुई मानसिकता पर बनी करण जौहर की फिल्म "माय नेम इज खान" से काजोल ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। मां की भूमिक निभाते हुए काजोल ने मां की ममता और उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति को सिनेमा के पर्दे पर प्रदर्शित किया। फिल्म कामयाब रही और काजोल को दर्शकों ने पसंद किया।