करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज यानी 6 फरवरी को दुनिया से अलविदा कह चुकी हैं। सुरों की देवी कही जाने वाली लता दीदी के नेहरू से लेकर पीएम मोदी तक मुरीद रह चुके हैं। लता जी दुनिया की ऐसी एक मात्र शख्सियत हैं जिन्होंने भारत में पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक के दौर को देखा है। इन प्रधानमंत्रियों की लता दीदी के साथ बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, जिन्हें हम आज आपके साथ बांटने जा रहे हैं।
इनमें सबसे पहले बारी आती है देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की। जो लता दीदी का 'ऐ मेरे वतन के लोगों...जरा आंख में भर लो पानी' गाना सुन कर रो पड़े थे।
यूं तो लता मंगेशकर ने हजारों गाने गाए हैं, इनमें से एक 'ऐ मेरे वतन के लोगों' ने एक खास जगह बनाई है। लता ने 27 जनवरी 1963 में यह गाना दिल्ली के रामलीला मैदान में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सामने गाया था। यह उन सैनिकों की याद में लिखा गया था जिन्होंने 1962 में भारत-चीन युद्ध में अपनी जान दाव पर लगा दी थी। जब लता मंगेशकर से यह गाना से यह गाना गाने को कहा गया था तो उन्होंने मना कर दिया था। गाने के लिरिसिस्ट कवि प्रदीप ने लता को मनाया था। लता लाइव परफॉमेंस के पहले केवल एक बार रिहर्सल कर पाई थीं। जब प्रोग्राम खत्म हो गया तब नेहरू उनसे बात करना चाहते थे। लता बताती हैं कि वह पहले तो घबरा गई, फिर उन्हें लगा कि उनसे कोई गलती हो गई। लेकिन, जब वह पंडितजी से मिली, तोउनकी आंखों में आंसू दिखे, उन्होंने कहा कि लता तूने मुझे रुला दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी से जुड़ी लता दीदी की यादें
देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल लता मंगेशकर को सोशल मीडिया के जरिए जन्मदिन की बधाई देते थे। लता मंगेशकर भी देश के प्रधानमंत्री को उनके खास दिन यानी जन्मदिन पर बधाई देना नहीं भूलती थी। पीएम मोदी लता मंगेशकर को अपनी बड़ी बहन बुलाया करते थे। उनका एक ऑडियो वायरल भी हुआ था, जिसमें पीएम ने विमान पर ही लता दीदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे थे। इस ऑडियों की शुरुआत में पीएम मोदी कहते हैं कि लता दीदी प्रणाम मैं नरेंद्र मोदी बोल रहा हूं। लता जी कहती हैं धन्यवाद। फिर पीएम मोदी फोन पर कहते हैं कि मैं दरअसल हवाई जहाज में ट्रेवलिंग कर रहा हूं और पहले ही आपको जन्मदिन की अग्रिम शुभकामनाएं दे रहा हूं। लता दीदी उन्हें धन्यवाद करती हैं।
भारत रत्न लता मंगेशकर ने 28 सितंबर 2021 को अपना 92वां जन्मदिन मनाया था। उस दौरान देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी लता मंगेशकर को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी। नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा था कि 'आदरणीय लता दीदी को जन्मदिन की बधाइयां। उनकी सुरीली आवाज पूरी दुनिया में गूंजती है। भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी विनम्रता और उत्साह के लिए उनका सम्मान किया जाता है। निजी तौर पर, उनका आशीर्वाद महान शक्ति का स्रोत है। मैं लता दीदी की लंबी और स्वस्थ जिंदगी की कामना करता हूं।'
इंदिरा गांधी के काफिले को धीमा कराने वाली लता दीदी
सुर सम्राज्ञी कही जाने वाली लता मंगेशकर ने भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी को उनकी 33वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए अपने संबंधों को याद कर ट्विटर के माध्यम से साझा किया था। उन्होंने लिखा कि इंदिरा जी के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध थे। उन्हें संगीत में काफी रूचि थी। मैंने सुना है कि वो अच्छा गाती भी थीं।
लता जी से जुड़ा एक और दिलचस्प वाकया पंडित जसराज की बेटी दुर्गा ने साझा किया था। उन्होंने बताया कि मैं अपने नाना वी. शांताराम के घर पर थी, जो लता जी के घरसे लगा हुआ था। एक दिन लताजी के घर के सामने से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का काफिला निकला तो मैंने देखा कि दीदी दौड़कर कैमरा लेकर बालकनी में खड़ी हो गई और जल्दबाजी में फोटो लेने लगीं... तभी किसी ने इंदिरा जी को इशारे से बताया कि लता आपकी फोटो खींच रही है तो इंदिरा गांधी ने अपने काफिले की गति धीमी करवाई और दीदी का अभिवादन किया था।
अटल बिहारी वाजपेई को पिता समान मानती थी लता मंगेशकर
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी लता मंगेशकर के अच्छे संबंध थे। वे उन्हें अपने पिता समान मानती थीं। 2014 में लता मंगेशकर ने अंतर्नाद में अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं को अपनी आवाज दी थी। इसमें वाजपेयी जी की चुनिंदा कविताओं को शामिल किया गया जो वाजपेयी जी की बहुत खास थीं। लता मंगेशकर और अटल बिहारी वाजपेयी की उम्र में महज चार साल का अंतर था। अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था और लता का जन्म 28 सितंबर 1992 को हुआ था। इसके बाद भी लता मंगेशकर उन्हें अपने पिता के समान मानती थीं। लता मंगेशकर ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा था कि ऋषितुल्य पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के स्वर्गवास की बात सुनकर मुझे ऐसा लगा जैसा मेरे सिर पर पहाड़ टूटा है, क्योंकि मैं उनको पिता समान मानती थी और उन्होंने मुझे बेटी बनाया था। मुझे इतने प्रिय थे कि मैं उनको दादा कहके बुलाती थी। आज मुझे वैसा ही दुख हो रहा है जैसे, मेरे पिता के स्वर्गवास के समय हुआ था।
लता मंगेशकर अपने दौर की सफल गायिका रही हैं। उस दौर को यदि लता का दौर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। लता की जादुई आवाज का हर म्यूजिक लवर दीवाना रहा है। लता मंगेशकर के गानों को आज भी फैंस सुनते हैं। इसलिए उन्हें बॉलीवुड की नाइटेंगल के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने महज 13 साल की उम्र में अपने स्वरों से लोगों का दिल जीतना शुरू कर दिया था। 'भारत रत्न' सम्मानित लता मंगेशकर ने लगभग पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्लेबैक सिंगिग के रूप में राज किया है।