धारावाहिक महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका निभाने के लिए प्रसिद्ध चौहान ने पिछले महीने पुणे स्थित संस्थान के संचालन परिषद के अध्यक्ष का पद संभाला है। उनकी नियुक्ति की भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के मौजूदा और पूर्व छात्र काफी आलोचना कर रहे हैं। एफटीआईआई छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं, चौहान की नियुक्ति के खिलाफ शैक्षणिक कार्य को छोड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि चौहान के पास संस्थान का नेतृत्व करने लायक कद और दृष्टि नहीं है।
एफटीआईआई छात्र निकाय द्वारा यूट्यूब पर डाले गए श्वेत श्याम वीडियो में 32 वर्षीय रणबीर ने अधिकारियों से अपील की है कि वे छात्रों की मांगों पर ध्यान दें, उनके साथ वार्ता शुरू करें और उनकी शिकायतों का निवारण करें। एफटीआईआई को अनेक फिल्मकारों, सिनेमैटोग्राफरों, संपादकों और पुरस्कार विजेता हस्तियों के प्रशिक्षण का केंद्र बताते हुए रणबीर ने कहा, मेरा मानना है कि यह संस्थान बिना फिल्मी कनेक्शन के देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लोगों को एक अवसर देता है। मेरा मानना है कि लोग एफटीआईआई ग्रेजुएट को काफी सम्मान के साथ देखते हैं। सुन रहा हूं, नए अध्यक्ष की नियुक्ति छात्रों की इच्छा के खिलाफ की गई है।
रणबीर ने वीडियो में कहा है, मेरा मानना है कि छात्रों के साथ यह उपयुक्त होगा कि वो क्या चाहते हैं उसे सही तरीके से सुना जाए। वे एक आकांक्षापूर्ण व्यक्ति को चाहते हैं जिसने काफी काम किया हो, अगर बहुत अधिक काम नहीं किया हो ऐसा काम किया हो जिससे वे प्रेरित हो सकें। बांबे वेलवेट स्टार का मानना है कि छात्र कोई अतर्कसंगत मांग नहीं कर रहे हैं और वे सिर्फ वही हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं जो संस्थान और उसके भविष्य के लिए सर्वश्रेष्ठ है। अभिनेता ने कहा, मेरा मानना है कि संस्थान की स्वायत्तता भी महत्वपूर्ण है। कुछ दिशा-निर्देश हैं जिनका छात्रों को संस्थान में पालन करना है। लेकिन जब बात कला के संस्थान की आती है तो मेरा मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संचालन परिषद और छात्रों के बीच संवाद की आवश्यकता है ताकि सबकुछ सौहार्दपूर्ण तरीके से हो।