Advertisement

जब दुर्गा पूजा के लिए तैयार की गई धुन से निकला बॉलीवुड हिंदी सिनेमा का क्लासिक गीत

जब हम भारतीय फ़िल्मों, गीतों को देखते हैं तो इनके निर्माण की ऐसी कहानियों सुनने को मिलती हैं कि कभी कभी...
जब दुर्गा पूजा के लिए तैयार की गई धुन से निकला बॉलीवुड हिंदी सिनेमा का क्लासिक गीत

जब हम भारतीय फ़िल्मों, गीतों को देखते हैं तो इनके निर्माण की ऐसी कहानियों सुनने को मिलती हैं कि कभी कभी लगता है कि यह सब कुछ कलात्मकता से अधिक एक नियति है, संयोग है।

हिंदी सिनेमा के क्लासिक गीत " तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं " के निर्माण साथ भी एक ऐसा ही ख़ूबसूरत संयोग जुड़ा हुआ है।गुलज़ार साहब और आ.डी बर्मन बहुत अच्छे मित्र थे। उनके बीच हँसी,मज़ाक़,नोंकझोंक का दौर चलते रहता था।इसी सब में अक्सर फ़िल्म के गीत – संगीत निर्माण के दौरान कई बेहतरीन क़िस्से बन जाया करते थे।

एक दिन जब गुलज़ार साहब, आ.डी बर्मन के घर पहुंचे तो, उन्होंने देखा आर.डी बर्मन दुर्गा पूजा के लिए कुछ धुनें बना रहे हैं।गुलज़ार साहब वहीं पर बैठ गये और धुनों को सुनने लगे।इसी बीच गुलज़ार साहब को एक धुन बहुत पसंद आई।उन्होंने फ़ौरन काग़ज़,क़लम निकाला और कुछ लिखने लग गये।

कुछ देर बाद गुलज़ार साहब, आर.डी बर्मन से बोले कि उन्हें दुर्गा पूजा के लिए तैयार की गई, ये धुन बहुत पसंद आई है और उन्होंने इस पर गीत लिख दिया है।इसके साथ ही वह चाहते हैं कि इस धुन और इस गीत को फ़िल्म “आँधी” में इस्तेमाल किया जाए। राहुल देव बर्मन गुलजार को जानते थे। उन्हें मालूम था कि गुलजार धुन लिए बिन नहीं मानने वाले थे। राहुल देव बर्मन ने अपनी धुन गुलजार को सौंप दी और इस तरह यह खूबसूरत गाना फिल्म आंधी में शामिल हुआ। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad