Advertisement

जन्मदिन विशेष : गुरु दत्त का इश्क, जो उनकी मौत की वजह बन गया

गुरु दत्त और वहीदा रहमान की प्रेमी कहानी फ़िल्मी गलियारों में चर्चा का केंद्र रही। इस प्रेम कहानी में...
जन्मदिन विशेष : गुरु दत्त का इश्क, जो उनकी मौत की वजह बन गया

गुरु दत्त और वहीदा रहमान की प्रेमी कहानी फ़िल्मी गलियारों में चर्चा का केंद्र रही। इस प्रेम कहानी में रोमांच था, जुनून था, दर्द था और था ढेर सारा रहस्य। 

सन 1956 तक वहीदा रहमान कुछ तेलगु फ़िल्मों में काम कर चुकी थीं। इन फ़िल्मों में वहीदा की परफॉर्मेंस शानदार थी। इसी के चलते गुरु दत्त की नज़र वहीदा रहमान पर गई और उन्होंने वहीदा को बॉलीवुड फ़िल्मों में लॉन्च करने का फ़ैसला किया। गुरु दत्त सन 1956 में फ़िल्म सीआईडी बना रहे थे। इसमें उन्होंने कामिनी के किरदार के लिए वहीदा रहमान को कास्ट किया। वहीदा रहमान ने शानदार काम किया और दर्शकों के दिल में जगह बना ली। 

सीआईडी के बाद, गुरु दत्त ने वहीदा रहमान को अपनी फ़िल्म " प्यासा " में कास्ट किया। प्यासा हिंदी सिनेमा इतिहास की सबसे बेहतरीन फ़िल्म बनकर उभरी और वहीदा रहमान के परफॉर्मेंस को दुनिया भर में सराहा गया। गुरु दत्त अब तक वहीदा रहमान के प्रेम में गिरफ़्तार हो चुके थे। वहीदा रहमान भी गुरु दत्त को पसंद करती थीं। अब यह पसंद करना प्रेम में था या फ़िल्मों में लाने के कारण कृतज्ञता, यह वहीदा ही जानती थीं। बहरहाल गुरु दत्त और वहीदा रहमान का रिश्ता आगे बढ़ रहा था। 

गुरु दत्त पर वहीदा का ऐसा जादू था कि वह अपनी फ़िल्म में सिर्फ़ वहीदा रहमान को ही देखना चाहते थे। प्यासा के बाद गुरु दत्त ने वहीदा को काग़ज़ के फूल और साहिब बीवी और ग़ुलाम में भी कास्ट किया। गुरु दत्त पर वहीदा का फितूर चढ़ गया था। गुरु दत्त की पारिवारिक ज़िंदगी पर इसका बड़ा ही नकारात्मक असर पड़ा। वहीदा रहमान से मिलने से पहले ही गुरु दत्त का विवाह गायिका गीता दत्त से हो चुका था। उनकी संतान भी थी। गुरु दत्त की मुलाक़ात गीता दत्त से उनकी फ़िल्म " बाज़ी " के निर्माण के दौरान हुई। गीता दत्त एक मशहूर गायिका थीं। गुरु दत्त को गीता से प्रेम हुआ और तीन साल के रिश्ते के बाद दोनों ने विवाह कर लिया था। गीता और गुरु दत्त बेहतरीन कलाकार थे मगर व्यक्तिगत जीवन में दोनों अव्यवस्थित थे। दोनों के बीच अहम की लड़ाई चलती रहती थी। जब गुरु दत्त की वहीदा रहमान से नज़दीकी बढ़ी तो गुरु दत्त और गीता दत्त के बीच कलेश शुरू हो गया। रोज़ रोज़ लड़ाईयां होने लगीं। बात इतनी ख़राब हो गई कि गीता दत्त ने गुरु दत्त का घर छोड़ दिया। वह अपने बच्चे के साथ, मायके में रहने लगीं। गुरु दत्त के दिल और दिमाग़ पर इसका बड़ा ख़राब असर पड़ा। वह बहुत परेशान रहने लगे। गुरु दत्त अपने बच्चे से मिलना चाहते थे मगर गीता दत्त इसकी इजाज़त नहीं देती। गुरु दत्त बहुत अकेले हो गए थे। उन्हें उम्मीद थी कि वहीदा रहमान उनका साथ देंगी। मगर वहीदा रहमान बहुत प्रोफेशनल अभिनेत्री थीं। उनमें दूरदर्शिता थी। 

वहीदा रहमान को मालूम था कि गुरु दत्त की पत्नी और बच्चा है। इसके साथ ही वहीदा जानती थी कि गुरु दत्त के हिन्दू और उनके मुस्लिम होने के कारण, उनके प्रेम, रिश्ते, विवाह को समाज और परिवार मान्यता नहीं देगा। गुरु दत्त की महत्वाकांक्षी फ़िल्म काग़ज़ के फूल उस समय फ्लॉप हो गई थी। इसका बड़ा गहरा आघात गुरु दत्त पर पड़ा। पारिवारिक और प्रोफेशनल लाइफ की उथल पुथल से गुरु दत्त टूट गए थे। वह आत्म हत्या की तरफ बढ़ रहे थे। गुरु दत्त अक्सर अपने सबसे प्रिय साथी और फ़िल्म लेखक अबरार अल्वी के साथ मरने के तरीकों पर विचार विमर्श करते थे। गुरु दत्त दो बार आत्म हत्या की कोशिश कर चुके थे मगर असफल रहे। वहीदा दूर से ही सही मगर गुरु दत्त की स्थिति देख रही थीं। अभी वहीदा का लंबा कैरियर था। वह चाहकर भी गुरु दत्त की मदद नहीं कर पाईं। उन्हें महसूस हुआ कि गुरु दत्त ऐसे दर्द में, जुनून में हैं, जहां सिर्फ अंधेरे हैं। वहीदा रहमान जागरूक थीं कि गुरु दत्त के साथ रिश्ता, उन्हें भविष्य नहीं दे सकता। 

गुरु दत्त की मानसिक स्थिति दिन प्रतिदन ख़राब होती जा रही थी। वह अपने बच्चे से मिलने को तड़पते रहते। उन्होंने एक रोज़ गीता दत्त को संदेश पहुंचाया कि अगर वह उन्हें बच्चे से मिलने नहीं देंगी तो उनका मरा शरीर देखेंगी। गीता दत्त का दिल नहीं पसीजा। मैं समझ नहीं पाता कि कभी आकंठ प्रेम में डूबे होने का दावा करने वाले लोग, इतनी नफ़रत, इतनी घृणा कहां से लाते हैं। गुरु दत्त को नींद नहीं आती थी। वह शराब में नींद की गोलियां डालकर पी जाते और तब उन्हें नींद आती। 

एक रोज़ ऐसे ही गुरु दत्त ने शराब में नींद की गोलियां मिलाई और पी गए। उस दिन के बाद गुरु दत्त कभी नहीं उठे। नींद की गोलियों की ओवर डोज़ ने गुरु दत्त की जान ले ली थी। गुरु दत्त ने आत्म हत्या कर खुद को खत्म कर लिया था। गीता दत्त पर भी गुरु दत्त की मौत का प्रभाव पड़ा। बर्बाद हो गए वैवाहिक जीवन के बाद, गीता दत्त ने खुद को शराब में झोंक दिया। नतीजा यह हुआ कि जल्दी ही अंधाधुंध शराब पीने के कारण गीता दत्त की लिवर ख़राब होने से मृत्यु हो गई। 

वहीदा रहमान ने उसके बाद गाइड जैसी सुपरहिट फिल्म दी और आगे चलकर हिंदी सिनेमा की महान अभिनेत्री बनीं। उनसे जब भी गुरु दत्त के बारे में प्रश्न होते तो वह हमेशा सवाल को टाल जाती या चुप्पी साध लेती। उन्होंने अपने और गुरु दत्त के बारे में कभी खुलकर नहीं कहा। सच है, इस दुनिया में जो प्यार को जुनून बना लेता है, वह तड़प कर मरता है। जो होश और हवाश रखता है, वह कामयाब हो जाता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad