शाहरख का कहना है, मैं कहानियों को सुनने के बजाए सीधा लोगों से मिलता हूं। आशुतोष गोवारिकर मेरे दोस्त हैं, उन्होंने लगान फिल्म बनायी, मैं चाहता तो उनके साथ मैं काम कर सकता था लेकिन मैंने स्वदेश को चुना। मैंने फिल्म को नहीं चुना, बल्कि मैंने उनको (गोवारिकर) चुना क्योंकि उनकी इच्छा थी कि हम साथ में स्वदेश को बनाए।
शाहरख ने पीटीआई-भाषा को बताया, लोग सोचते हैं कि अगर मैं उनके साथ एक फिल्म बना लूंगा तो वे फिल्म को सुपरहिट बना देंगे। लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है। मैंने कभी भी फिल्म की कहानियों को नहीं सुना और जब मैं ऐसा बोलता हूं तो लोग सोचते हैं कि मैं झूठ बोल रहा हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं।
इस अभिनेता का कहना है कि निर्देशक आनंद एल राय के साथ वह अगली फिल्म में काम कर रहे हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि आनंद एल राय उन्हें फिल्म की पटकथा सुनाना चाहते थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया। शाहरख का मानना है कि यह करना असंगत होता क्योंकि वे पहले से ही राय के साथ जुड़े हुए थे और इसलिए उन्होंने फिल्म की कहानी सुनना जरूरी नहीं समझा।
शाहरख ने कहा, कभी-कभी तो यह अच्छा होता है और कभी-कभी उम्मीदें बिल्कुल अलग हो जाती है। मैं तो वास्तव में मानता हूं कि फिल्म पर फिल्म निर्माताओं का विशेषाधिकार होता है और अभिनेता को इसके बीच में नहीं पड़ना चाहिए।
भाषा