मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि 'इंदु सरकार' को कांग्रेस या गांधी परिवार में से किसी से भी एनओसी लेने की जरूरत नहीं है।
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा कि उन्होंने मधुर भंडारकर के ट्रेलर को देखा है। उन्होंने कहा, “मैं भंडारकर को भारतीय राजनीति के सबसे शर्मनाक अध्यायों में से एक पर से पर्दा हटाने के लिए बधाई देना चाहता हूं।”
इंदु सरकार किसी का नाम नहीं
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि इंदु सरकार किसी का नाम नहीं है इंदिरा गांधी या संजय गांधी या किसी और का ट्रेलर में कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा, “आप केवल शारीरिक समानता की वजह से फिल्म में उन लोगों के उल्लेख का अनुमान लगा रहे हैं। मैंने ट्रेलर में किसी के नाम का जिक्र नहीं सुना। अगर फिल्म में उनका उल्लेख किया गया है, तो हम देखेंगे।”
क्या है मामला?
गौरतलब है कि फिल्म सन 1975 में लगाई गई इमरजेंसी पर आधारित है। इंदिरा गांधी और उनके छोटे बेटे संजय गांधी के इर्द-गिर्द घूमती इस कहानी में कई जगह पर सीधे प्रहार किया गया है। सबसे मजेदार तो यह है कि खुद से ही फिल्मों के दृश्यों, संवादों पर संज्ञान लेने वाले फिल्म प्रमाणन बोर्ड न संवादों पर एतराज है, न दृश्यों पर न किरदारों पर। जबकि निर्देशक मधुर भंडारकर ने सीधे-सीधे इंदिरा गांधी और संजय गांधी के एक फोटो को ठीक उसी अंदाज में इस्तेमाल किया है। बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने एक अखबार से बातचीत में कहा, यह फिल्म तो लोकतंत्र पर लगे स्याह धब्बे के बारे में बताती है।