निर्देशक - अभिनेता राकेश रोशन की फिल्म "कोई मिल गया" 8 अगस्त सन 2003 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई थी। इस फिल्म को जबरदस्त सफलता मिली थी। ऋतिक रोशन के फिल्मी सफर में इस फिल्म का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फिल्म की कामयाबी को देखते हुए राकेश रोशन ने "कोई मिल गया" का सीक्वल "कृष" और "कृष 3" का निर्माण किया।
कोई मिल गया से की ऋतिक रोशन ने वापसी
ऋतिक रोशन ने अपने पिता राकेश रोशन के निर्देशन में बनी फिल्म "कहो न प्यार है" से हिंदी सिनेमा में कदम रखा। फिल्म सुपरहिट हुई और ऋतिक रातों रात स्टार बन गए। ऋतिक की अगली फिल्म "कभी खुशी कभी गम" ने भी सफलता हासिल की। लेकिन इसके बाद ऋतिक रोशन का फिल्मी करियर पटरी से उतरने लगा। ऋतिक रोशन की फिल्में फ्लॉप साबित होने लगीं। "यादें", "आप मुझे अच्छे लगने लगे", "फिजा", " न तुम जानो न हम" बॉक्स ऑफिस पर ख़ास कामयाब नहीं रहीं। ऋतिक रोशन इस बात से थोड़ा चिंतित हुए। तब ऋतिक रोशन और उनके पिता ने एक साइंस फिक्शन फिल्म की तैयारी की और फिल्म का नाम रखा गया "कोई मिल गया"। फिल्म रिलीज हुई और कामयाबी के नए आयाम स्थापित किए। ऋतिक रोशन को उनके अभिनय के लिए खूब पसंद किया गया।
फिल्म के कई सीन ऋतिक रोशन की जिंदगी से प्रेरित थे
ऋतिक रोशन को उनके शुरुआती जीवन में हकलाने की समस्या थी। ऋतिक रोशन ठीक से बोल नहीं पाते थे और इस कारण उनका आत्म विश्वास कम रहता था। ऋतिक रोशन के साथ पढ़ने वाले बच्चे ऋतिक की इस कमजोरी का मजाक उड़ाया करते थे। इस बात से ऋतिक को बहुत खराब महसूस होता था। जब फिल्म "कोई मिल गया" बनी तो फिल्म में ऋतिक रोशन से साथ बचपन में हुईं इन घटनाओं को शामिल किया गया। फिल्म में ऋतिक रोशन के किरदार रोहित को जिस तरह से तंग किया जाता है, छेड़ा और परेशान किया जाता है, उसकी प्रेरणा ऋतिक रोशन के असल जीवन से जुड़ी थी।
ऋषि कपूर भी बनने वाले थे फिल्म का हिस्सा
निर्देशक राकेश रोशन यह चाहते थे कि फिल्म में ऋतिक रोशन के पिता की भूमिका अभिनेता ऋषि कपूर निभाएं। अपनी आत्मकथा में इस प्रसंग का जिक्र करते हुए ऋषि कपूर बताते हैं कि उन्हें फिल्म "कोई मिल गया" में ऋतिक रोशन के किरदार रोहित का पिता बनने का ऑफर दिया गया था। लेकिन तब उन्हें यह महसूस हुआ कि यह कदम फिल्मी करियर की दृष्टि से बहुत अधिक सफल साबित नहीं होगा। उन्होंने फिल्म का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया। राकेश रोशन, जो खुद एक अभिनेता रहे हैं, उन्होंने ऋषि कपूर के मना करने के बाद, स्वयं फिल्म में रोहित के पिता की भूमिका निभाई।
जब किरदार के मुताबिक नजर आने के लिए ऋतिक रोशन ने पहले ढीले कपड़े
ऋतिक रोशन फिल्म में यूवक रोहित का किरदार निभा रहे थे, जो शारीरिक रूप से तो विकसित हो चुका होता है लेकिन उनका दिमाग बच्चों की तरह होता है। यानी दिमाग का विकास नहीं हो पाया होता है। ऋतिक रोशन के किरदार की जरूरत थी कि वह बच्चों की तरह नजर आएं। लेकिन ठीक उसी समय ऋतिक रोशन कई और फिल्मों की भी शूटिंग कर रहे थे, जिस कारण उनके शरीर का आकार, बच्चे की तरह दिखाई देने में अवरोध पैदा कर रहा था। तब निर्णय लिया गया कि फिल्म में ऋतिक रोशन ढीले कपड़े पहनेंगे और उनका एक विशेष हेयर स्टाइल होगा, जो उन्हें कम उम्र का नजर आने में मददगार साबित होगा। इस तरह ऋतिक ने रोहित की भूमिका निभाई।
फिल्म की कहानी के दो अंत सोचे गए थे
हिन्दी सिनेमा में यह परंपरा रही है कि फिल्म की कहानी के दो अंत सोचे जाते हैं। एक सुखद और एक दुखद। निर्देशक और निर्माता में रिस्क लेने की जितनी क्षमता होती है, उस हिसाब से फिल्म की कहानी का अंत तय कर दिया जाता है। फिल्म "कयामत से कयामत तक" की कहानी के भी दो अंत थे। निर्देशक मंसूर ख़ान हिम्मत वाले थे सो उन्होंने अपने निर्णय पर भरोसा रखा और फिल्म को दुखद अंत के साथ रिलीज किया। राज कपूर ने निर्देशक के बालचंदर को उनकी फिल्म "एक दूजे के लिए" की स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद फिल्म का एक दूसरा, एक सुखद अंत सुझाया था। लेकिन के बालचंदर ने भी अपनी कहानी का अंत नहीं बदला था। फिल्म "कोई मिल गया" की कहानी के भी दो अंत सोचे गए थे। एक अंत में एलियन जादू की शक्तियां लेकर वापस चले जाते हैं। पहले फिल्म की कहानी का कुछ यही अंत होना था। मगर फिर फिल्म के निर्माताओं को ऐसा लगा कि यदि एलियन जादू जाते हुए, अपनी शक्तियां रोहित को दे जाए तो, इस सुखद अंत से दर्शकों को बड़ी खुशी होगी। ऐसा ही किया गया और निर्माताओं की बात सच साबित हुई। न केवल इस निर्णय से फिल्म ", कोई मिल गया" को जबरदस्त सफलता मिली बल्कि इस फिल्म के सीक्वल "कृष" और "कृष 3" की नींव भी इसी अंत के कारण संभव हो पाई। यदि ऋतिक रोशन के किरदार रोहित के पास शक्तियां नहीं होती तो कृष और उसके आने वाले भाग में रोहित का पुत्र कृष्णा सुपरहीरो नहीं होता।