पिछले लंबे समय से राजपूत करणी सेना का विरोध झेल रही संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को लेकर विरोध अब खत्म होता दिख रहा है। ऐसा तब कहा जा सकता है जब करणी सेना ने इस फिल्म को लेकर अपना विरोध वापस लेने की बात कही है।
बता दें कि करणी सेना ने इस फिल्म को लेकर कई राज्यों मे विरोध प्रदर्शन किया था और फिल्म को रिलीज करने से रोकने के लिए हर तरह की कोशिश की थी। हालांकि, शुक्रवार को करणी सेना ने अपने इस विरोध को वापस लेते हुए कहा कि भारत के जिन राज्यों में फिल्म को रिलीज नहीं किया गया है, उन राज्यों में अब इस फिल्म को रिलीज कराने में करणी सेना मदद करेगी।
करणी सेना की ओर से ये बात तब कही गई जब राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष ने इस फिल्म को देखा और वो इससे बेहद खुश हुए। उन्होंने भंसाली को आश्वासन दिया है कि अब बाकी के राज्यों में भी इस फिल्म को शांतिपूर्वक रिलीज होने दिया जाएगा।
राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेवसिंह गोगामेड़ी ने ‘पद्मावत’ देखी और वो फिल्म की कहानी और चित्रीकरण से बेहद खुश हुए। उन्होंने फिल्म में ऐसा कोई भी आपत्तिजनक सीन नहीं पाया और इसलिए अब इस फिल्म को लेकर उनका गुस्सा भी शांत हो चुका है।
फिल्म देखने के बाद राजपूत करणी सेना ने फिल्म को प्रोड्यूस करने वाली वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स और संजय लीला भंसाली को पत्र लिखकर उनकी साराहना की। फिल्म को लेकर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म का बहुत ही सुंदर ढंग से चित्रीकरण किया गया है और साथ ही इसमें रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी का कोई भी सीन नहीं है।
इसके साथ ही, राजपूत करणी सेना ने भंसाली को आश्वासन दिया है कि अब इस फिल्म को राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी रिलीज होने दिया जाएगा। वो अपनी इस फिल्म को शांतिपूर्वक इन राज्यों में रिलीज कर सकते हैं।
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