भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा किसी से छुपी हुई नहीं है। हिंदुत्व और संस्कृति के प्रति अलग तरह का नजरिया रखने वाली इसी पार्टी की सांसद किरण खेर एलजीबीटी (लेस्बियन गे बाइसेक्चुअल ट्रांसजेंडर) समुदाय से जुड़ गई हैं। किरण खेर का मानना है कि पार्टी का काम अलग है और निजी मामला अलग। इस समुदाय के साथ जुड़ने या उनकी भलाई के लिए काम करने को वह पार्टी के काम से जोड़ कर नहीं देखतीं।
किरण का मानना है कि फिल्म उद्योग यदि आगे गाए तो इस समुदाय के लिए बहुत मदद होगी। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह भगत सिंह और मिल्खा सिंह पर फिल्म बनी तो फिल्म उद्योग का यह स्टीरियो टाइप टूटा कि सिख सिर्फ मजाकिया भूमिकाएं ही निभा सकते हैं। ऐसे ही यदि इस समुदाय से किसी को अच्छी भूमिका मिलेगी तो हमारी धारणा ऐसे लोगों के प्रति धीरे-धीरे बदल जाएगी। वह मानती हैं कि फिल्मी दुनिया में बहुत से लोग हैं जो गे हैं लेकिन सामाजिक मान्यता न होने से वह झूठ बोलने को मजबूर है।
केवल फिल्म उद्योग की ही क्यों बाहरी दुनिया की भी बात करें तो समाज में ऐसे लोगों पर बात करने से सभी लोग परहेज करते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने दोस्ताना फिल्म में आखिरकार अपने गे बेटे को स्वीकार कर लिया था। मेरा मानना है कि आज के माता-पिता ऐसा नहीं करते। हालांकि, समाज में धीरे-धीरे ही बदलाव आता है और जिस तरह मानसिक बीमारियों को लोग सामान्य रूप से देखने लगे हैं, मैं चाहती हूं कि एलजीबीटी समुदाय के प्रति भी रवैया जल्द सामान्य हो जाए। यही वजह है कि मैं इस मुहिम से जुड़ गई हूं।
वैसे किरण जानती हैं कि उनकी पार्टी के बहुत से सदस्य धारा377 के खिलाफ हैं। लेकिन वह कहती हैं कि कुछ लोग इस पर सहमत भी हैं और वह इस मसले पर सभी को एकजुट करेंगी।