संगीतकार खय्याम को रमेश सहगल के साथ फिल्म "फिर सुबह होगी" में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में मुख्य भूमिका राज कपूर ने निभाई थी। इस फिल्म से भी एक मजेदार प्रसंग जुड़ा है। रमेश सहगल ने चर्चित उपन्यास "क्राइम एंड पनिशमेंट" पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया। फिल्म में जब राज कपूर को लिया गया तो एक द्वंद पैदा हुआ। राज कपूर हमेशा ही शंकर जयकिशन के साथ काम करना पसंद करते थे। मगर रमेश सहगल ऐसे संगीतकार से फिल्म का संगीत बनवाना चाहते थे, जिससे क्राइम एंड पनिशमेंट पढ़ा और समझा हो।
शंकर जयकिशन सामान्य विधारधारा रखते थे। जबकि क्राइम एंड पनिशमेंट कम्युनिस्ट विचार पर आधारित था। खय्याम ने क्राइम एंड पनिशमेंट पढ़ा था। इसलिए रमेश सहगल ने खय्याम को फिल्म में लेना चाहा। मगर राज कपूर की मर्जी के बिना यह संभव नहीं था। सो खय्याम और राज कपूर की आर के स्टूडियो में मुलाकात हुई।
खय्याम ने राज कपूर को पांच धुनें सुनाई। राज कपूर खामोश रहे। फिर वह रमेश सहगल को लेकर बाहर चले गए और 40 मिनट बाद वापस लौटे। आकर राज कपूर ने खय्याम से कहा कि यह पांचों धुनें इतनी शानदार हैं कि इन सभी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तरह खय्याम ने फिल्म का संगीत दिया।