नसीरुद्दीन शाह की साल 2014 में प्रकाशित पुस्तक में मेरठ के पास एक साधारण गांव से लेकर उनकी असाधारण यात्रा, जिसमें नैनीताल और अजमेर के कैथोलिक स्कूलों और अंत में रंगमंच व मुंबई में फिल्म स्टार बनने तक का पूरा विवरण है। उनसे इस किताब के दूसरे भाग के बारे में पूचे जाने पर शाह ने कहा कि यह सब पाठकों की इच्छा पूरी करने के लिए था। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मुझे जो कुछ कहना था वह मैने कह दिया है। इससे आगे की बात करने का मतलब है कि मैं अपने विवाह, बच्चों वगैरह के बारे में बताऊं। मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहता और न ही एक के बाद एक आई अपनी फिल्मों के बारे में बताना चाहता हूं। यह बहुत उबाऊ होगा इसलिए मैंने इसका दूसरा भाग लिखने का विचार छोड़ दिया।
ए वेडनस डे फिल्म के 66 वर्षीय अभिनेता का कहना है कि मुझे लंबे समय से हिंदी फिल्म उद्योग के बारे में लिखने की इच्छा हो रही है ताकि इस अवास्तविक जगह को बेनकाब किया जा सके। उन्होंने कहा, मैं हमारे फिल्म उद्योग के बारे में कहना चाहता हूं। यह एक बिल्कुल अवास्तविक जगह है। इसकी कहानियों को कहा जाना चाहिए ओैर मैं इन्हें कह सकता हूं। बॉलीवुड पर किताब लिखने के लिए शाह बेहद उत्साहित हैं। बहुत जल्द ही पाठकों को हिदी फिल्म जगत पर एक च्छी ककिताब पढ़ने के लिए मिल सकती है।