लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शाहिद बिलाल हसन ने सईद के वकील और सरकार के विधि अधिकारी की दलीलों को सुनने के बाद पाकिस्तान के सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।सैफ अली खान और कटरीना कैफ की यह फिल्म आगामी 28 अगस्त को रिलीज होने वाली है। फिल्म पर संक्षिप्त आदेश जारी करने से पहले पाकिस्तान के न्यायाधीश ने कहा था कि भारतीय फिल्में और अन्य फिल्में रिलीज होने के बाद आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, अगर सिनेमाघरों में फिल्म पर पाबंदी लगा भी दी जाती है तो इसे सीडी के रूप में बाजार में उपलब्ध होने से रोकने के लिए सरकार क्या कर सकती है। उच्च न्यायालय में आठ अगस्त को दाखिल याचिका में सईद के वकील ए.के. डोगर ने आरोप लगाया कि फिल्म के ट्रैलर की विषयवस्तु से याचिकाकर्ता और उसके साथियों की जान को सीधा खतरा है। उन्होंने कहा, जाहिर है कि अनेक भारतीय अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के मुंह से निकले संवाद पाकिस्तान की जनता के दिमाग में जहर घोलेंगे और हाफिज सईद को आतंकवादी चित्रित करेंगे, जबकि जमात-उद-दावा को प्रतिबंधित संगठन घोषित नहीं किया गया है।
पाकिस्तान सरकार के विधि अधिकारी ने अदालत में दलील देते हुए कहा कि किसी ने भी संघीय सरकार से पाकिस्तान में फिल्म रिलीज करने के लिए एनओसी नहीं मांगी है, इसलिए यह याचिका बेकार है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, याचिकाकर्ता अनावश्यक रूप से सरकार को लपेटने का प्रयास कर रहा है।
लेखक हुसैन जैदी के उपन्यास मुंबई अवेंजर्स पर आधारित 'फैंटम' 26-11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद की स्थिति पर केंद्रित है और वैश्विक आतंकवाद की बात करती है। पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने अभी तक देश में फिल्म को प्रदर्शन के लिए मंजूरी नहीं दी है। इससे पहले भी पाकिस्तान के सिनेमाघरों में सैफ अली खान की एजेंट विनोद और सलमान खान की एक था टाइगर के प्रदर्शन पर रोक लगाई गई थी। हालांकि, पाकिस्तान में ये फिल्में सीडी और डीवीडी में आसानी से उपलब्ध हैं।